उत्तराखंड में कांवड़ियों को बॉर्डर पर मिलेगा गंगा जल, भेष बदला तो होगी कार्रवाई

कोरोना संकट के कारण इस साल भी कांवड़ यात्रा पर को लगा दी गई है। सावन माह में कांवड़ियों जत्था उत्तराखंड पहुंचता है। लेकिन कोरोना की तीसरी लहर की संभावना के कारण उत्तराखंड सरकार ने इसपर रोक लगा दी है। कांवड़ यात्रा रद्द होने के बाद हरिद्वार के सीसीआर टावर सभागार में कई राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ उत्तराखंड के आईजी ला एंड आर्डर ने एक समन्वय बैठक भी की थी। इस बैठक में कांवड़ यात्रा से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की गई। वहीं इस दौरान दूसरे राज्यों से आए पुलिस अधिकारियों ने भी उत्तराखंड पुलिस का कांवड़ यात्रा अवधि के दौरान पूर्ण सहयोग करने का आश्वाशन दिया।

लेकिन कांवड़ियों को एक राहत जरूर दी गई है। इस रोक के दौरान उन्हें बॉर्डर पर गंगा जल मिलेगा। इसी के साथ ही भेष बदलकर आने वाले कांवड़ियों को क्वॉरंटीन किया जाएगा और वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। हरिद्वार एसएसपी का कहना है कि कांवड़ मेले को प्रतिबन्धित किये जाने के बाद अब जिला प्रशासन ने इसे लागू करवाने की कवायद शुरू की है। पूरे क्षेत्र को 4 सुपर जोन और 17 सेक्टर में बांटकर सुरक्षा का काम किया जा रहा है। नारसन और भगवानपुर बॉर्डर पर पीएसी की दो कंपनी तैनात गई है। बाकी फोर्स मिलने पर जल्द तैनात की जाएगी। हर की पौड़ी में एंट्री प्रतिबंधित है और इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी।

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