सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के एकीकरण के बाद पहली बार आयोजित समग्र शिक्षा अभियान की प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक में उत्तराखंड को 800 करोड़ की सौगात मिली है।
पिछले वर्ष का पूरा बजट खर्च न करने पर केंद्र सरकार ने उत्तराखंड की खिंचाई की और प्रस्ताव का करीब आधा ही बजट मंजूर किया। हालांकि सितंबर में राज्य को अतिरिक्त बजट मिलने की उम्मीद है। दिल्ली में आयोजित बैठक में बुधवार को अलग-अलग राज्यों के अप्रेजल रखे गए। उत्तराखंड ने पिछले वर्ष का करीब 350 करोड़ रुपया खर्च नहीं किया था। इस पर बोर्ड ने प्रदेश के करीब 1700 करोड़ के प्रस्ताव को काट-छांट कर 800 करोड़ रुपया मंजूर किया।
इस लिहाज से राज्य के पास करीब 1150 करोड़ रुपये की धनराशि होगी। सचिव शिक्षा डा. आर मीनाक्षी सुंदरम ने बजट राशि बढ़ाने का अनुरोध किया। इस पर बोर्ड ने कहा कि अगर राज्य मौजूदा बजट का सदुपयोग जल्द कर लेता है तो सितंबर में होने वाली पीएबी में अतिरिक्त बजट जारी किया जा सकता है। बैठक में सचिव शिक्षा आर मीनाक्षी सुंदरम, निदेशक सीमा जौनसारी, एसबी जोशी, संयुक्त निदेशक मध्याहन भोजन पदमेंद्र बिष्ट, वित्त नियंत्रक अमिता जोशी समेत अन्य शामिल रहे।
वर्षों से खर्च नहीं कर पाए पैसा
उत्तराखंड की सरकारें और शिक्षा विभाग के अधिकारी केंद्र से मिले बजट तक को खर्च नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षा की बदहाली का रोना रोने वाले तमाम शिक्षा मंत्रियों ने भी इस धनराशि को खर्च करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। केंद्र सरकार ने प्रदेश में स्मार्ट क्लास रूम, डिजिटल एजुकेशन के लिए वर्ष 2011-12 में 90 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की थी। लेकिन करीब आठ वर्ष तक यह पैसा जस का तस पड़ा रहा। अब इस के लिए एजेंसी का चयन कर काम आगे बढ़ाने की कवायद हुई है।
पीजीआई की होगी शुरूआत
स्कूलों की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए इस सत्र से परफॉरमेशन ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) की शुरूआत होगी। इसमें विद्यालयों के ग्रेडिंग के कई मानक तय किए गए हैं। स्कूलों की संख्या, शिक्षकों की संख्या, छात्र संख्या, पढ़ाई की गुणवत्ता समेत अन्य मानकों के आधार पर ग्रेडिंग तय होगी।
हर स्कूल का निरीक्षण करेगी टीम
केंद्र सरकार की टीमें अगस्त और सितंबर में प्रदेश के हर स्कूल का निरीक्षण करेगी। यह टीम राज्य सरकार की ओर से जमा कराए गए आंकड़ों का धरातल पर परीक्षण करेंगे। इसके अलावा स्कूल बेस्ड एसेसमेंट के लिए एनसीईआरटी काम करेगी। इसमें प्रत्येक छात्र का एसेसमेंट किया जाएगा।
ट्रेनिंग डिजाइन होगा तैयार
पहली बार एनसीईआरटी शिक्षकों व अन्य कर्मियों के लिए ट्रेनिंग डिजाइन तैयार करेगी। अभी तक एनसीईआरटी सीधे-सीधे प्रशिक्षण में शामिल नहीं थी। सभी शिक्षकों, बीआरसी व सीआरसी समेत अन्य सभी स्तरों पर प्रशिक्षण का जिम्मा एनसीईआरटी के पास रहेगा।