इस बहन की विदाई करवाई 100 भाइयों ने मिलकर ! जान कर भाव-विभोर हो जायेंगे आप…

शहीद कमांडो ज्योति प्रकाश निराला तो आपको याद ही होंगे. भारतीय वायु सेना के वही वीर सपूत, जिन्होंने कश्मीर के बांदीपोरा में देश की रक्षा के लिए आतंकियों से लोहा लेते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे.

अपनी जान देने से पहले भारत मां के इस वीर सपूत ने दो आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था. एक दिन पहले उसी वीर गरुड़ कमांडो निराला की बहन शशिकला की शादी थी.

इस शादी में उसका अपना भाई निराला तो मौजूद नहीं था. लेकिन उसके बदले 100 भाइयों ने मिलकर अपनी लाडली बहन को डोली में बिठाकर विदा किया.

गरुड़ कमांडो टीम के इन जांबाजों ने निराला की बहन शशिकला को शादी में अपने भाई की कमी महसूस नहीं होने दी.

बहन की शादी में पहुंचे इन 100 भाइयों ने सबके दिलों को झकझोर कर रख दिया और क्या बाराती और क्या गांव वाले सभी भावुक हो गए.

एक तरफ 100 भाइयों के आने की खुशी तो दूसरी तरफ निराला के शहीद होने के गम ने घरवालों को ही नहीं, गांव वालों के आंखों में भी आंसू भर दिए.

 

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100 की संख्या में पहुंचे इन सभी गरुड़ कमांडो ने गांव की परंपरा को निभाते हुए अपनी लाडली बहन के सामने हथेलियां जमीन पर रखकर उसे घर से विदा किया. स्नेह और करुणा के इस क्षण में निराला के पिता ने घर आए सभी जवानों के शादी में शामिल होने के लिए उनका आभार जताया.

शशिकला के पिता तेजनारायण सिंह बेटी की शादी में आए उसके 100 भाइयों को देखकर गदगद हो गए और कहा यह क्षण मेरी जिंदगी का सबसे यादगार समय बन गया है.

भावुक होते हुए निराला के पिता ने कहा पूरी शादी में इन गरुड़ कमांडो ने एक बहन को उसके भाई की कमी नहीं खलने दी.

शहीद निराला की बहन शशिकला की शादी बिहार के पाली रोड डेहरी के रहने वाले सुजीत कुमार के साथ काफी धूमधाम से हुई.

इतना ही नहीं परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य निराला के शहीद होने के बाद बहन की शादी के लिए उसके 100 गरुड़ कमांडो भाइयों ने पांच लाख रुपये दान भी दिए ताकि बहन की शादी में कोई कमी न रह जाए.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत निराला स्पेशल ड्यूटी पर कश्मीर के हाजिन में तैनात थे.

साल 2017 में कश्मीर के बांदीपोरा में ऑपरेशन के दौरान आतंकियों से मुकाबला करते हुए कॉर्पोरल ज्योति प्रकाश निराला ने अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया. देश पर अपने प्राण न्यौछावर करने से पहले निराला ने ए श्रेणी के दो आतंकियों को मार गिराया और दो आतंकियों को बुरी तरह घायल कर दिया.

सेना की तरफ से की गई इसी कार्रवाई में जवानों ने आतंकी मसूद अजहर के भतीजे तल्हा रशीद को मार गिराया था.

बिहार के लाल गरुड़ कमांडो निराला के इस बहादुरी को देश ने भी सलाम किया और भारत सरकार ने निराला को शांतिकाल के सबसे बड़े वीरता सम्मान अशोक चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया.

सरकार की तरफ से निराला की पत्नी ने राष्ट्रपति से यह सम्मान हासिल किया था. शहीद के सम्मान के समय आलम यह था कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भावुक हो गए थे.

 

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