इस देश में पैदल चलने वालों को समझा जाता है बोझ! बिना टेस्ट के बना दिया जाता है डीएल

नई दिल्ली। वाहन चाहे जो भी है ड्राइविंग करने के लिए लाइसेंस का होना बहुत ज़रूरी है। अगर आपके पास नहीं है तो आपको बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता होगा। जैसे चालान कट जाना आदि। जिससे तंग आकर आप अपना ड्राईविंग लाइसेंस बनवाने की सोचते हैं। जब आप लाइसेंस के लिए अप्लाई करते हैं तो आपको लाइसेंस बनने से पहले उसका टेस्ट देना होती है। इस टेस्ट को आपको पास करना ज़रूरी होती है। इसके बाद आप लाइसेंस धारक बन जाते हैं।

 

 

आपको बता दें कि ऐसा आप ही के देश में नहीं बल्कि अमूमन देशों में भी लाइसेंस के लिए टेस्ट देने की प्रक्रिया होती है और टेस्ट पास होने के बाद ही ड्राईविंग लाइसेंस बन पाता है। लेकिन इस दुनिया में एक ऐसा देश भी हैं जहां लाइसेंस के लिए टेस्ट देने की आवश्यकता नहीं पड़ती। हम बात कर रहे हैं मेक्सिको की। यहां ड्राईविंग लाइसेंस बनवाने के लिए टेस्ट देने की ज़रूरत नहीं पड़ती। सिर्फ एड्रेस प्रूफ से ही ड्राईविंग लाइसेंस बन जाता है और ये काफी देशों के मुकाबले कम पैसों में बन जाता है। इसकी कीमत चालीस मैक्सिकन डाॅलर यानी 147 भारतीय रूपए में लाइसेंस बन जाता है।

खबरों के मुताबिक, भारत जैसे देशो में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन आपको भारी-भरकम रकम के साथ आपको जेल की सलाखो के पीछे डलवा सकती है। लेकिन मेक्सिको एक ऐसो देश है, जहां लोग ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते। हालत ये है कि दो पहिया वाहनों को तो यहां मुसीबत समझा जाता है। एक रिपोर्ट से पता चलता है कि मेक्सिको में एक ड्राइवर औसमन 59 मिनट का समय ट्रैफिक जाम में गवां देता है।

यहां ट्रैफिक पुलिस की सीटी की आवाज भी लोगों पर कुछ असर नहीं डाल पाती है। यही वजह है कि यहां के लोग घंटो ट्रैफिक में फंसे रहते हैं। ट्रैफिक पुलिस वालों को भी यहां कुछ नहीं समझते हैं।

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बात करें यहां के सड़क हादसों की तो यहां दुर्घटनाओं में मौत की संख्या कुछ कम नहीं है। एक आंकड़े के मुताबिक यहंा प्रतिदिन सड़क हादसे में 12 लोगों की जान चली जाती है। एक खास बात यह है कि यहां पैदल चलने वाले लोेगों को बोझ समझा जाता है। मेक्सिकों को दुनिया का सबसे ज़्यादा ट्रैफिक वाला देश माना गया है।

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