इनके पास रहता है आपके अच्छे बुरे कर्मों का हिसाब, यकींन नहीं तो आजमाकर देख लें…
जीव जैसा कर्म करता है उसे वैसा ही फल मिलता है। अपने कर्मों से कोई पीछा नहीं छुड़ा सकता है। मौत के बाद आत्मा को जीवित अवस्था में उसके द्वारा किए गए कर्मों के आधार पर सजा का भुगतान करना पड़ता है।
18 पुराणों में से एक गरुड़ पुराण में इन सारी बातों का बहुत ही सुंदर विवरण किया गया है।
गरुड़ पुराण में ऐसा कहा गया है कि हर एक इंसान के पास हमेशा श्रवण नामक गण रहते हैं। किसी को कभी न दिखाई देने वाले ये गण मनुष्य के आसपास विचरण करते रहते हैं।
स्वर्गलोक, पाताललोक और मृत्युलोक में भ्रमण करने वाले ये गण ब्रह्माजी के पुत्र हैं और इनका काम घूम-घूमकर जीव के अच्छे बुरे कर्मों को देखना होता है।
श्रवण नामक ये देवता दूर रहने पर भी हर एक चीज पर बारीकि से नजर रख सकते हैं और ये सुन भी सकते हैं।
इसी वजह से इनका नाम श्रवण है। इंसान किसी काम को अगर सभी से छिपाकर भी अंजाम देता है तो भी श्रवण को इसकी भनक लग ही जाती है।
इन देवताओं की स्त्रियों को श्रवणी के नाम से जाना जाता है। देवियों को महिलाओं के चरित्रों की पहचान होती है।
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ये सभी धर्मराज के दूत हैं। प्राणियों द्वारा किए गए हर एक कर्म की सूचना ये चित्रगुप्त तक पहुंचाते हैं।
यमदूत जब किसी आत्मा को यमलोक ले जाते हैं तो सबसे पहले यमपुरी के द्वार पर स्थित द्वारपाल को सूचित करते हैं।
इसके बाद द्वारपाल द्वारा यह बात चित्रगुप्त तक पहुंचाई जाती है और चित्रगुप्त के माध्यम से यमराज जान पाते हैं कि कोई आत्मा उनके पास आई है।