इतिहास प्रियंका चतुर्वेदी का, जो फ़िलहाल परेशान हैं अपनी ही पार्टी से !

पिछली शाम प्रियंका चतुर्वेदी के नाम पर ट्विटर पर बवाल मचा. कांग्रेस की स्पोक्स पर्सन हैं. काफी न्यूज चैनलों पर दिखाई देती हैं. इन्होंने अपनी ही कांग्रेस पार्टी पर गुंडों को तवज्जो देने का आरोप लगाया है. उत्तर प्रदेश के मथुरा में जब प्रियंका चतुर्वेदी पार्टी की तरफ से राफेल विमान सौदे को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने गई थीं.

तब स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदसलूकी की थी. इसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत कांग्रेस आलाकमान से की. फिर जाकर सभी कांग्रेस नेताओं पर अनुशानात्मक कार्रवाई हुई थी. सभी को पार्टी से निकाल दिया गया था. लेकिन माफ़ी मांगने पर उन्हें वापस रख लिया गया.

जो लोग मेहनत कर अपनी जगह बना रहे हैं, उनके बदले ऐसे लोगों को तवज्जो मिल रही है. पार्टी के लिए मैंने गालियां और पत्थर खाए हैं, लेकिन उसके बावजूद पार्टी में रहने वाले नेताओं ने ही मुझे धमकियां दीं. जो लोग धमकियां दे रहे थे, वह बच गए हैं. इनका बिना किसी कड़ी कार्रवाई के बच जाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं.

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पिछले साल सितम्बर में प्रियंका मथुरा गई थीं. राफेल विमान सौदे पर बात करने. वहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदसलूकी की थी.

प्रियंका चतुर्वेदी का नाम पहली बार विवादों में नहीं आया है. अभी कुछ समय पहले ही उनके साथ एक के बाद एक ट्रोलिंग की घटनाएं हुई थीं. जुलाई 2018 में तो उनकी 10 साल की बेटी के साथ रेप करने की धमकी भी दी थी एक व्यक्ति ने ट्विटर पर. उस पर उन्होंने FIR भी कराई, और सोशल मीडिया पर ये मामला काफी तूल पकड़ गया.

प्रियंका मुंबई से हैं. परिवार उत्तर प्रदेश का है. लेकिन प्रियंका की सारी पढ़ाई-लिखाई वगैरह मुंबई से हुई. नारसी मुंजी मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट से इन्होंने MBA किया. ब्लॉगिंग वगैरह काफी टाइम से करती आ रही थीं.

कांग्रेस के लिए पहले सोशल मीडिया पर लिखना शुरू किया. बिजनेसवुमन हैं. दो बच्चों की मां हैं. इन्होंने मीडिया हाउसेज के लिए कॉलम लिखे हैं. किताबों के रिव्यू की वेबसाइट चलाई है. लेकिन सोशल मीडिया के बाद अब मेनस्ट्रीम मीडिया में भी कांग्रेस को रिप्रेजेंट करने जाती हैं.

इस बार उनके महाराष्ट्र के उत्तर पश्चिम मुंबई सीट से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे. लेकिन यहां से संजय निरूपम को टिकट दे दिया गया. इस बात को लेकर भी प्रियंका चतुर्वेदी की नाराजगी की खबर कुछ मीडिया पोर्टल में छपी, लेकिन इसकी तस्दीक करना मुश्किल है.

इस पूरे मामले में एक एंगल ये भी है कि प्रियंका की शिकायत पर स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निकाला तो गया. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के कहने पर उन लोगों को वापस बहाल कर लेने का क्या तुक है.

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