इजरायल की जासूसी कंपनी एनएसओ ग्रुप के व्हाट्सएप चैट की हुई जासूसी , बेहद चौकाने वाली वजह आई सामने…

सोशल मीडिया में आज कल Whatsapp में अधिकतर लोग ऑनलाइन दिखते हैं। देखा जाए तो बड़ी से बड़ी कंपनियां भी Whatsapp के जरिए अपनी ऑफिस की डिटेल की पूरी जानकारी दी हैं।

 

खबरों के मुताबिक दिग्गज सोशल मीडिया एप व्हाट्सएप ने इजरायल की जासूसी कंपनी एनएसओ ग्रुप (NSO) पर गंभीर आरोप लगाया है। वहीं इंस्टेंट मैसेजिंग एप का कहना हैं की यह कंपनी भारतीय पत्रकारों और समाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी कर रही थी।

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वहीं व्हाट्सएप के एक अधिकारी ने कहा है कि एनएसओ कंपनी भारतीय पत्रकारों और मानवधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी Peagasus सिस्टम के जरिये कर रही थी। साथ ही, व्हाट्सएप ने एक दर्जन से ज्यादा वकील, प्रोफेसर, दलित कार्यकर्ता और पत्रकारों को इस बारे में सतर्क किया है। वहीं, यूजर्स के डिवाइसेज को मई में सर्विलांस पर लिया गया था।

दरअसल व्हाट्सएप ने कहा है कि इजरायली कंपनी एनएसओ ने फेसबुक के स्वामित्व वाली मैसेंजिंग प्लेटफॉर्म सर्विस के माध्यम से पत्रकारों और समाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी की है। वहीं इंस्टेंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप ने इजरायली कंपनी के खिलाफ मुकदमा भी दायर किया है। गौरतलब है कि एनएसओ ने करीब 1,400 यूजर्स के निजी डाटा को चुराने का आरोप है।

एनएसओ ने व्हाट्सएप के लगाए गए आरोपों का खंडन किया है। व्हाट्सएप के मुख्य अधिकारी कैथकार्ट ने कहा है कि वैसे तो एनएसओ कंपनी सरकार के लिए काम करती है, लेकिन हमनें अपनी रिसर्च में पाया है कि 100 से ज्यादा यूजर्स कंपनी के निशाने पर थे।

एनएसओ ने इस सॉफ्टवेयर को खास तकनीक से तैयार किया है। कंपनी इस सिस्टम के जरिए किसी भी एंड्रॉयड, आईओएस और ब्लैकबैरी के ऑपरेटिंग सिस्टम को आसानी से हैक कर सकती है।

ऑपरेटर यूजर के डिवाइस को हैक करने के लिए एक विशेष लिंक पर टैप करने को मजबूर करता है। ऐसा करने से ऑपरेटर को सुरक्षा कवच तोड़ने का पूरा मौका मिलता है। इसके बाद Pegasus सिस्टम इंस्टाल किया जाता है।

दरअसल अब ऑपरेटर आसानी से यूजर के निजी डाटा को निकाल सकता है। इतना ही नहीं ऑपरेटर फोन हैक करने के बाद कैमरा से टारगेटेड यूजर की फोटो क्लिक कर सकेगा। लेकिन इसके अलावा एक कॉल के जरिए भी फोन को हैक किया जा सकता है।

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