
मुंबई। पीएम मोदी के बाद अब आरबीआई ने सख्ती दिखानी शुरू की है। कालेधन के खिलाफ पांच विदेशी बैंकों पर जुर्माना ठोंका गया है।
आरोप है कि इन बैंकों ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम यानी फेमा का उल्लंघन किया है। रिज़र्व बैंक ने लम्बी जांच-पड़ताल के बाद इन बैंकों के खिलाफ एक्शन लिया है।
आरबीआई ने जिन पांच बैंकों पर जुर्माना ठोंका है, उनमें बैंक ऑफ अमेरिका, बैंक ऑफ टोक्यो मित्सुबिशि, डच बैंक, द रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैण्ड और स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक शामिल हैं।
आरबीआई की सख्ती
RBI imposes monetary penalty on 5 banks fr violation of RBI’s instructions on reporting requirements of Foreign Exchange Management Act,1999
— ANI (@ANI) December 21, 2016
खबरों के मुताबिक यह पहला मौका है, जब रिज़र्व बैंक ने इतनी सख्ती से विदेशी बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरोप है कि इन बैंकों के जरिए बड़ी मात्रा में कालेधन को सफेद किया गया है। साथ ही कालेधन को विदेशी मुद्रा में बदलकर भारत से बाहर भी भेजा गया है।
माना यह भी जा रहा है कि रिज़र्व बैंक अब उन खातों की भी जांच करेगा, जिनमें इन बैंकों के जरिए भारतीय मुद्रा को बाहर भेजा गया है।
Penalities imposd on these 5 banks-Bank of America,Bank of Tokyo Mitsubishi,Deutsche Bank,The Royal Bank of Scotland&Standard Chartered Bank
— ANI (@ANI) December 21, 2016
क्या है फेमा
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (1999) अथवा संक्षेप में फेमा पूर्व में विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) के प्रतिस्थापन के रूप में शुरू किया गया है । फेमा 1 जून, 2000 को अस्तित्व में आया ।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम का मुख्य उद्देश्य बाहरी व्यापार तथा भुगतान को सरल बनाने के उद्देश्य तथा भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के क्रमिक विकास तथा रखरखाव के संवर्धन के लिए विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून को समेकित तथा संशोधन करना है ।
फेमा भारत के सभी भागों के लिए लागू है । यह अधिनियम भारत के बाहर की स्वामित्व वाली अथवा भारत के निवासी व्यक्ति के नियंत्रण वाली सभी शाखाओं, कार्यालयों तथा एजेन्सियों के लिए भी लागू है।