आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तहत पहली ही बच्ची को 15 दिन से नहीं मिल पा रहा ‘इलाज’, जानें क्या है माजरा

आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना की पहली लाभार्थी करिश्मा पिछले 15 दिन से सही इलाज के लिए भटक रही है। आठ महीने की बीमार बच्ची करिश्मा को उसके माता-पिता कंधे से लगा पिछले 15 दिन से कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में भटक रहे हैं। डॉक्टर रूटीन चेकअप कर रहे हैं और दवा लिख रहे हैं, लेकिन उसका बुखार नहीं उतर रहा है। बच्ची का वजन भी दो किलो तक कम हो गया है।

आयुष्मान भारत स्वास्थ्य

गौरतलब है कि आयुष्मान भारत योजना की पहली लाभार्थी होने पर बच्ची करिश्मा को प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आयुष्मान बेबी’ कहा था। वीरवार को पिता अमित और माता मौसमी बच्ची को लेकर कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज पहुंचे। उनका आरोप है कि वहां किसी ने उनकी नहीं सुनी और वे बच्ची के इलाज के लिए भटकते रहे।

पिता अमित ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को करिश्मा का योजना का बना कार्ड दिखाया और बेटी के नाम देश के प्रधानमंत्री का बधाई संदेश भी दिखाया। सुबह से दोपहर हो गई, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। दोपहर में खून का नमूना लेकर दो दिन बाद रिपोर्ट लेने को कह दिया।

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डॉक्टर न सुनते हैं, न फोन उठाते हैं

बच्ची करिश्मा का जन्म 15 अगस्त 2018 को मेडिकल कॉलेज में ही हुआ था और आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तहत देश में उसे सबसे पहले लाभ मिला था। बच्ची के पिता अमित ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं। 15 दिन से उनकी बेटी को बुखार आ रहा है। कभी बुखार उतर जाता है और कभी तेज हो जाता है। पहले स्थानीय स्तर पर इलाज करवाया, ठीक न होने पर मेडिकल कॉलेज में लेकर आए। यहां एक कमरे से दूसरे कमरे के चक्कर कटवा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर को फोन किया था, लेकिन उसने रिसीव नहीं किया।

करिश्मा के बारे में मुझे पता है। एक कर्मचारी की मैंने ड्यूटी लगाई थी, ताकि करिश्मा के इलाज कराने में अभिभावकों को कोई परेशानी न आए। यदि कोई परेशानी आई है तो संबंधित कर्मचारी से पूछकर कुछ कह सकता हूं।

 

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