कैल्शियम कार्बाइड से पका हुआ यह आम बिगाड़ सकता है आपकी सेहत

लखनऊ। बाजार में फलों का राजा आम हर तरफ सजा हुआ है, अलग-अलग प्रजातियों के आम बाजार में खूब बिकते नजर आ रहें हैं। हिन्दुस्तान का कोई घर ऐसा नहीं है जो गर्मियों में आम का स्वाद ना लेता हो। चाहे हाफुस आम हो या कलमी, लंगड़ा हो या केसर या दशहरी, आम सबकी पसंद है। रस भरे आमों के स्वाद भोजन का जायका दोगुना कर देता है।

कैल्शियम कार्बाइड से पका हुआ यह आम बिगाड़ सकता है आपकी सेहत

आम के कई औषधीय गुण भी हैं लेकिन कई बार बाजार में बिकने वाले पके हुए आम आपकी सेहत को भारी नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। बाजार की नब्ज पकड़ने के लिए व्यापारी रासायनिक तौर तरीकों से आम को पका देते हैं और जिन रसायनों का इस्तेमाल इन्हें पकाने के लिए किया जाता है, वे बेहद घातक सिद्ध हो सकते हैं। आज इस लेख में हम इसी विषय का जिक्र करने जा रहें हैं।

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पिछ्ले कुछ वर्षों से आम व्यापारियों ने ग्राहकों की सेहत से खिलवाड़ करते हुए आमों को जल्दी पकाने के अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करना शुरु कर दिया है। कृत्रिम रूप से आमों को पकाकर बाजार में धड़ल्ले से बेचा जाता है, पके और मोहक से दिखाई देने वाले आमों को खरीदते समय हम भूल जाते हैं कि यही आम हमें किस कदर नुकसान पहुंचा सकता है।

आमों को पकाने के लिए जिस रसायन का आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। उसे “कैल्शियम कार्बाइड” के नाम से जाना जाता है और आधुनिक शोधों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कैल्शियम कार्बाइड एक घातक कैंसर कारक रसायन है। इसका उपभोग लम्बे समय तक करने से मानव स्वास्थ को बेहद हानि पहुंच सकती है।

जल्दी बिक्री और ज्यादा मुनाफे की चाहत में आमों को इस रसायन का उपयोग कर पका दिया जाता है और बाजार में खुलेआम बेच दिया जाता है। आम के मौसम की शुरुआत होने से पहले ही पके हुए आमों को बाजार में बिकता देख आश्चर्य में डाल देता है लेकिन आमतौर पर लोग इस बात को नकार देते हैं।

यहां इस बात का जिक्र करना भी जरूरी है कि आमों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का इस्तमाल खाद्य एवं औषधि प्रशासन की ओर से प्रतिबंधित है, यानि इसका उपयोग करना गैर कानूनी है। चलिए थोड़ी और गहराई से कैल्शियम कार्बाइड के बारे में जानते हैं।

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वास्तव में कैल्शियम कार्बाइड खुद आमों को पकाने में सक्षम नहीं होता है, दरअसल आमों के पकने का सिलसिला बेहद प्राकृतिक होता है और यह कार्य एक जैव रासायनिक क्रिया के तहत पूर्ण होता है।

जब फल परिपक्व हो जाता है तो इसमें एक विशेष गैस एथिलीन (C2H4) का निर्माण होता है और साथ ही आम के अंदर उपस्थित अम्लों का भी विघटन शुरु हो जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान फल में उपस्थित स्टार्च शर्करा में तबदील हो जाती है।

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