अगर आप भी फोन उठाते ही बोलते हैं “Hello”, तो ये खबर है सिर्फ आपके लिए….

जब आपके मोबाइल या लैंडलाइन की रिंग बजती है तो आपको सबसे पहले जो शब्द बोलते हैं वो है ‘Hello’। आज के समय में जिसके पास भी फोन है वो सभी Hello बोलकर ही लोगों के फोन का जवाब देते हैं।

उसके बाद ही बाकी बात शुरू होती है। लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि फोन उठाते ही सबसे पहले Hello ही क्यों बोलते हैं? मोबाइल फोन पर आज देश हो या विदेश हो हर जगह सबसे पहला बोला जाने वाला शब्द हैलो होता है।

 "Hello"

दरअसल, हेल्लो का आविष्कार लोगों के बीच में आपसी बातचीत बढ़ाने के लिए हुआ था। यह शब्द इतनी तेजी से कॉमन हो गया कि आज अलग-अलग भाषाओं वाले देश में भी इस एक शब्द को वैसे ही बोला जाने लगा है जैसे अन्य देशों में बोला जाता है।

जानकारी के लिए बता दें कि भी नहीं होगी कि 21 नवम्बर 1973 से पूरी दुनिया में ‘वर्ल्ड हेल्लो डे’ मनाया जाने लगा लेकिन आज वक्त के साथ-साथ इसे लोग भूल चुके हैं।

‘Hello’ का इस्तेमाल आज भी सभी जगह पर किया जाता है। असल में, फोन पर हेल्लो बोलने की कहानी फोन के आविष्कारक ग्राहम बेल से जुड़ी है।

इन्होंने सिर्फ फोन का ही आविष्कार ही नहीं किया बल्कि फोन पर बात करने वाली भाषा का भी आविष्कार किया है।

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जी हां, उन्होंने फोन पर होने वाली बात को और भी सरल बनाने के लिए ऐसा किया था। ऐसे में हैलो शब्द की खोज भी इन्होंने ही की थी।

एक रिपोर्ट की मानें तो ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का नाम ‘मार्गरेट हैलो’ था। वह मार्गरेट को बेहद प्यार करते थे।

वह उसे प्यार से सिर्फ हेल्लो ही कहकर पुकारा करते थे। ऐसे में जब उन्होंने फोन का आविष्कार किया तो सबसे पहले अपनी गर्लफ्रेंड का नाम लिया।

यही कारण है कि लोग फोन पर सबसे पहले ‘Hello’ कहकर ही बात शुरू करते हैं।”

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