‘कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार अनिवार्य नहीं हो सकता’

आधार को अनिवार्यनई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय से मोदी सरकार को झटका मिला है। सोमवार को आधार को लेकर बड़ा फैसला सुनाया गया है। आधार पर फिर से सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार को अनिवार्य नहीं कर सकती।

साथ ही सर्वोच्च अदालत मोदी सरकार को थोड़ी राहत देते हुए कहा कि बैंक खाते खोलने जैसी अन्य योजनाओं में आधार का इस्तेमाल करने से रोका नहीं जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए सात न्यायाधीशों की एक पीठ गठित की जानी है लेकिन फिलहाल यह संभव नहीं है।

आधार को अनिवार्य करने को लेकर जारी हुए कई फरमान

सभी मौजूदा मोबाइल उपभोक्ताओं को जल्द ही अपना आधार आधारित पुन:प्रमाणन कराना पड़ सकता है। सरकार ने इस संबंध में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

दूरसंचार विभाग ने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी नंबर का सत्यापन नहीं होता है या फिर आधार नंबर से नहीं जोड़ा जाता है तो वह नंबर 6 फरवरी 2018 के बाद बंद हो जाएगा।

एक ही नाम से कई ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों पर लगाम लगाने के लिए जल्द ही केंद्र, राज्यों से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते वक्त आधार को अनिवार्य करने को कहेगा। नए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने या पुराने के रिन्यूअल कराने के लिए आधार कार्ड जरूरी होगा।

आधार को मोबाइल से लिंक करने का काम उसी स्टोर से हो सकेगा जो प्वाइंट ऑफ सेल (POS) ऑथराइज्ड हैं।

ऑथराइज्ड पीएओस एजेंट या स्टोर ग्राहक का डिटेल बायोमेट्रिक के जरिए लेगें और उसे यूनिक आडेंटिफिकेशन ऑथरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) को भेजेंगे.

हाल ही में आधार कार्ड को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए अनिवार्य कर दिया गया था।

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