आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ संभव नहीं

आतंकवादनई दिल्ली | विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारत और पाकिस्तान के संबंधों को बेहद जटिल करार देते हुए रविवार को कहा कि आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ संभव नहीं है। सुषमा ने हालांकि दोनों देशों के मौजूदा प्रधानमंत्रियों के तालमेल को सहज बताया। उन्होंने कहा, “दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों (नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ) के संबंधों में जैसी सहजता और गर्माहट है, वैसी पहले कभी नहीं देखी गई।”

राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर किसी तरह का समझौता नहीं

उन्होंने कहा कि भारत मित्रता के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर किसी तरह का समझौता नहीं करेगा। भारत इस पर दृढ़ संकल्प है कि वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ संभव नहीं है। सुषमा ने इससे भी इनकार किया कि मोदी सरकार की विदेश नीति में दक्षिण एशिया को खास तवज्जो नहीं दी जा रही है।

वर्ष 2015 में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत की ओर से दी गई मदद के संदर्भ में उन्होंने कहा, “पिछले दो वर्षो में भारत पड़ोसी देशों के लिए संकट के वक्त एक मजबूत सहयोगी व मित्र के रूप में उभरा है।” बांग्लादेश में हिन्दुओं को मिलने वाली धमकी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि शेख हसीना की सरकार इस दिशा में उचित कदम उठा रही है, जिसने अब तक 3,000 से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। विदेश मंत्री ने कहा, “इसके अतिरिक्त मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बांग्लादेश में इस्लामिक नेताओं ने भी हिन्दुओं को मिलने वाली इस तरह की धमकियों की निंदा की है।”

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