आज से शुरु हुआ सावन का महीना, 50 साल बाद बना ऐसा संयोग
नई दिल्ली। सावन का पावन महीना आज (10 जुलाई) से शुरु हो रहा है। भक्तों में उत्साह साफ देखा जा सकता है। बारिश होने के बावजूद भक्त सुबह से ही भगवान शिव की भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं। भक्तों के हौसले पर आज किसी भी बारिश-तूफान का असर नहीं होने वाला है। इस बार का सावन बेहद खास है। बताया जा रहा है कि 50 साल बाद ऐसा संयोग बना है।
क्या रहेगा सावन में खास
- इस बार के सावन के महीने में खास बात यह है कि इस साल 50 वर्ष के बाद ऐसा संयोग बना है जब सोमवार से दिन भगवान शिव का महीना सावन शुरू हुआ है और सोमवार के दिन ही इसका समापन हो रहा है। इसे बड़ा ही दुर्लभ संयोग माना गया है।
- कहते हैं अन्य दिनों के अपेक्षा सावन के महीन में शिव की पूजा और अभिषेक करने से कई गुणा अधिक लाभ मिलता है। यही वजह है कि शिव भक्तों में सावन के महीने को लेकर गजब का उत्साह रहता है। इस वर्ष सावन का महीना 10 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 7 अगस्त को समाप्त हो रहा है।
Madhya Pradesh: Devotees offer prayers on the first Monday of the holy month of 'Saawan' at Mahakaleshwar Temple, Ujjain. pic.twitter.com/ZmXbRemP7w
— ANI (@ANI) July 10, 2017
इस साल रोटक व्रत लग रहा है
- इस वर्ष सावन के महीने की खास बात यह है कि पूरे सावन के दौरान 5 सोमवार होंगे। सावन में 5 सोमवार का होने से इस साल रोटक व्रत लग रहा है।
- ऐसी मान्यता है कि रोटक व्रत पूरा करने यानी पांचों सोमवार व्रत करने और भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
- सावन के पांच सोमवार में तीन सोमवार को सर्वार्थ सिद्ध नामक शुभ योग बना है। इसमें भी अच्छी बात यह है कि पहला सर्वार्थ सिद्ध योग पहले सोमवार के दिन ही लगा है और अंत भी इसी योग से साथ हो रहा है। इनके अलावा 24 जुलाई को भी सुबह 7.45 तक यह योग बना है।
UP: Devotees offer prayers on the first Monday of the holy month of 'Saawan', #visuals from Varanasi and Allahabad. pic.twitter.com/eQJe04QbQQ
— ANI UP (@ANINewsUP) July 10, 2017
अंतिम सोमवार के दिन आयुष्मान योग
- सावन के अंतिम सोमवार के दिन आयुष्मान योग का होना शिवभक्तों के लिए बड़ा ही कल्याणकारी है। इस दिन शहद मिश्रित दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने से सुख और सौभाग्य प्राप्त होगा।
- सावन के अंतिम सोमवार को चन्द्रग्रहण भी लग रहा है। शास्त्रों में कहा गया है कि ग्रहण के समय मंत्र जप और पाठ से कई अन्य दिनों की अपेक्षा कई गुणा अधिक फल मिलता है। इसलिए शिव जी के मंत्रों का जप या शिवपुराण का पाठ करना विशेष फलदायी रहेगा।