आज चाँद बन जाएगा ‘सुपर ब्लड वुल्फ मून’, जानें क्यों और कैसे घटेगी ये घटना…

साल 2019 का दूसरा ग्रहण 20 जनवरी को पड़ेगा। ग्रहण 20 से 21 जनवरी तक रहेगा। यह एक अद्भुत खगोलीय घटना होगी। इस दौरान फुल मून (पूर्णिमा) तो होगी ही और चांद पूरी तरह से लालिमा से बिखरा हुआ नजर आएगा। इसी कारण इसे रेड मून भी कहा जा रहा है। हालांकि ये भारत में नहीं दिखेगा।

सुपर मून तब होता है जब चांद धरती के काफी करीब हो। जनवरी के फुल मून यानी पूर्ण चंद्रमा को पारंपरिक तौर पर वुल्फ मून कहा जाता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण में चांद पूरी तरह से काला नहीं होता।

'सुपर ब्लड वुल्फ मून'

20 जनवरी को 2019 का पहला फुल मून दिखेगा और इसी दिन साल का पहला चंद्रग्रहण होगा।

इसे सुपर ब्लड मून इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस ग्रहण से चांद बाकी दिनों के मुकाबले 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी ज्यादा चमकीला रहता है। वायुमंडल में जितना अधिक प्रदूषण होता है चांद भी उतना ही लाल चमकता है।

नेशनल ज्योग्राफिक की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे पश्चिमी गोलार्ध में लोग ग्रहण के सभी या कुछ भाग को देख सकेंगे।

उत्तरी अमेरिका, सेंट्रल अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के लोग सुपर वुल्फ रेड मून के सभी चरणों को अच्छे से देख पाएंगे। ऑस्ट्रेलिया और एशिया जिसमें भारत भी शामिल है, में ये नजारा देखने को नहीं मिलेगा।

इससे पहले जनवरी के पहले हफ्ते में हुआ सोलर इक्लिप्स भी भारत में देखने को नहीं मिला था।

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भारतीय समयानुसार ये ग्रहण 20 जनवरी की रात 11:41 बजे शुरू होगा और 21 जनवरी की सुबह 10:11 बजे तक रहेगा। ये समय केवल पूर्ण चंद्र ग्रहण का है। वहीं इसकी प्रक्रिया का समय तीन-चार घंटे तक है।

पहले चरण में चांद में कोई खास अंतर दिखाई नहीं देगा। दूसरे चरण में आंशिक ग्रहण दिखाई देना शुरू होगा।

इसके करीब 90 मिनट बाद चांद पूरी तरह से लाल हो जाएगा। मून रेडिश ग्लो दिखाई देगा। फिर प्रक्रिया ऐसे ही उल्टे क्रम में शुरू होगी। अगर मौसम साफ होगा तो इस बेहद अद्भुत नजारे को आप देख पाएंगे।

 

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