जांच पूरी होने तक पंड्या-राहुल को मिले खेलने की अनुमतिः बीसीसीआई कार्यकारी अध्यक्ष

नई दिल्ली। एक टीवी कार्यक्रम में आपत्तिजनक कॉमेंट्स को लेकर निलंबन झेल रहे टीम इंडिया के प्लेयर्स हार्दिक पंड्या और केएल राहुल के लिए यह खबर थोड़ी राहत पहुंचाने वाली है।

पंड्या-राहुल

बीसीसीआई के कार्यकारी चेयरमैन सीके खन्ना ने शनिवार को प्रशासकों की समिति से हार्दिक पंड्या और केएल राहुल के निलंबन को हटाने का आग्रह किया है।

खन्ना ने इस मामले में विशेष आम बैठक बुलाने से इनकार कर दिया। खन्ना ने कहा कि बोर्ड अधिकारियों की इन दोनों खिलाड़ियों के व्यवहार की जांच के लिए लोकपाल नियुक्त करने के लिए एसजीएम बुलाने की मांग सही नहीं है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में अगले सप्ताह इस मामले पर सुनवाई होनी है।

पंड्या और राहुल एक टीवी कार्यक्रम के दौरान अपनी आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए अभी निलंबन झेल रहे हैं और यह मामला (लोकपाल नियुक्ति) सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। खन्ना ने बीसीसीआई को संचालन कर रहे सीओए को पत्र में लिखा, ‘उन्होंने गलती की और उन्हें पहले ही निलंबित किया जा चुका है और ऑस्ट्रेलिया से वापस बुलाया गया।

उन्होंने बिना शर्त माफी भी मांग ली है।’ उन्होंने कहा, ‘मेरा सुझाव है कि जांच लंबित रहने तक हमें दोनों क्रिकेटरों को तुरंत प्रभाव से भारतीय टीम में शामिल करना चाहिए और उन्हें जल्द से जल्द न्यू जीलैंड में टीम से जुड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए।’

प्रशासनिक समिति चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट पंड्या और राहुल के भाग्य का फैसला करने के लिए लोकपाल की नियुक्ति करे। वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में नहीं खेल पाये थे और उनका न्यू जीलैंड सीरीज से भी बाहर रहना तय है।

इन दोनों को कई महिलाओं के साथ संबंध बनाने और कार्यक्रम में इसको लेकर मजाक उड़ाने की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी। लगभग 14 राज्य इकाइयों, जिनमें अधिकतर बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के वफादार हैं, ने खन्ना से आपात एसजीएम बुलाने का आग्रह किया है, जिसे 10 दिन के समय में बुलाना होता है।

कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने भी खन्ना को पत्र लिखकर जल्द से जल्द एसजीएम बुलाने का आग्रह किया है ताकि बोर्ड के सदस्य लोकपाल की नियुक्ति पर फैसला कर सकें। खन्ना ने अपने पत्र में लिखा है कि क्योंकि मामला अभी न्यायालय के अधीन है, इसलिए वह इंतजार करना चाहेंगे। खन्ना ने चौधरी के जवाब में कहा, ‘बीसीसीआई के संविधान के अनुसार लोकपाल की नियुक्ति वार्षिक आम बैठक में की जा सकती है और इसके अलावा मामला न्यायालय के अधीन है।’

खन्ना ने इस पर बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी की राय भी जाननी चाही और उन्होंने भी लोकपाल की नियुक्ति को लेकर नये संविधान के अनुच्छेद 40 का हवाला दिया।

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बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘खन्ना या अमिताभ विशेष आम बैठक बुलाने के लिए नोटिस पर क्यों हस्ताक्षर करें जबकि मामला कोर्ट के अधीन है। इसमें अदालत की अवमानना का जोखिम बना रहेगा।’

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