आज का सुविचार: क्या है अपमान से बचने की चाणक्य निति? इन बातों का रखे ध्यान
मान-सामान से बढ़कर कुछ नहीं होता। गंवाया हुआ धन दोबारा कमाया जा सकता है लेकिन गंवाया हुआ सम्मान कभी हासिल नहीं होता है। सम्मान कांच के गिलास जैसा होता, ज़रा सी चूक और सब चकनाचूर। सम्मान की रक्षा करना आसान नहीं लेकिन काफी महत्पूर्ण होता है। कोई व्यक्ति नहीं चाहता कि उसका अपमान हो, लेकिन ये काफी हद तक हमारे हाथ में होता है। इसी को लेकर चाणक्य ने सदियों पहले अपने विचार बताए थे जो आज के समय में भी लागू होते हैं। उनके विचार आज के समय में भी सटीक बैठते हैं। तो क्या है अपमान से बचने की चाणक्य निति?
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- हमेशा अपनी आदतों पर ध्यान दें
- बड़ी-बड़ी डींगे न मारें
- घर की पोल पट्टी ना करें शेयर
- दुख तकलीफ न करें साझा
- एक दूसरे की बात ना करें किसी से साझा