आज का सुविचार: आचार्य चाणक्य के अनुसार इन 2 तरह के दोस्तों पर गलती से न करें विश्वास

आचार्य चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में जाने जाते हैं। उन्‍होंने नीति शास्त्र में अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर जहां जीवन की हर परिस्थिति का सामना करना और सुख दुख में विचलित न होने के लिए कई महत्‍वपूर्ण बातें बताई हैं, वहीं उन्‍होंने सफलता पाने के भी कई मंत्र बताए हैं। इनका अमल करने से व्यक्ति जीवन में सफलता की ऊंचाइयों को छू सकता है।

चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य द्वारा वर्णित नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में मनुष्य के दैनिक जीवन से लेकर प्रोफेशनल लाइफ तक के बारे में कई बातें बताई है। आचार्य ने अपनी नीतियों में इस बात का भी जिक्र किया हैं कि किस तरह के लोगों से दोस्ती करनी चाहिए और किस तरह के लोगों से नहीं। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया कि किस तरह के दोस्त आपके लिए आने वाले समय में काल बन सकते हैं। इसलिए ऐसे दोस्तों पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए।

न विश्वसेत्कुमित्रे च मित्रे चापि न विश्वसेत् ।

कदाचित्कुपितं मित्रं सर्वं गुह्यं प्रकाशयेत् ॥

आचार्य चाणक्य ने अपने इस श्लोक में कहा गया कि एक बुरे मित्र और एक अच्छे मित्र पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए। क्योंकि अगर ये लोग आपसे रुष्ट होते है तो आप के सभी राज से पर्दा खोल देंगे। आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक के माध्यम से बताया हैं कि जो मित्र दुष्ट स्वभाव के होते हैं। उन लोगों पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए। कई बार होता है कि वह आपके सामने इतने प्यार, विश्वास के साथ बात करते हैं कि आप तुरंत ही पिघल जाते हैं और अपनी गुप्त बातें उनसे शेयर कर देते हैं। बस यहीं दुष्ट मित्र मौका देखकर आपकी गुप्त बातों का सहारा लेकर आपका मजाक उड़ाता हैं या फिर अपना कार्य सिद्ध करता हैं।

वहीं सच्चे मित्र पर भी पूर्ण विश्वास करके अपनी गुप्त बातें बता देते हैं। लेकिन आने वाले समय में हो सकता है कि आपसे उसकी किसी कारणवश लड़ाई या फिर नाराजगी हो जाए। तो ऐसे में वह आपकी उस गुप्त बात को सबके सामने पेश कर सकता है। जिससे आपकी जीवन पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए किसी भी मित्र पर इतना विश्वास नहीं करना चाहिए कि आने वाले समय में वह आपका फायदा उठा सके।

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