आखिर क्या कह दिया था मधुबाला ने ऐसा कि शम्मी कपूर ने पी ली था बीयर…

हिंदी सिनेमा जगत का मशहूर चेहरा और कपूर खानदान के रॉकस्टार शम्मी कपूर अपने अनोखे अंदाज के लिए पूरे बॉलीवुड में फेमस हैं. उनका स्टाइल ऐसा है कि लोगों ने उनको खूब कॉपी किया गया.  शम्मी कपूर का जन्म 21 अक्टूबर 1931 को हुआ था. हिंदी सिनेमा में उनकी जैसी शखसियत न कोई ही है न कोई होगा. शम्मी कपूर की पुण्यतिथि पर जानिए उनकी जिंदगी से जुड़े द‍िलचस्प किस्से.

shammi kapoor

साल 1948 में शम्मी कपूर ने सिनेमा की दुनिया में एक जूनियर आर्टिस्ट के रूप में कदम रखा. उन्हें महीने की 50 रुपये सैलरी मिलती थी और अगले चार साल तक शम्मी कपूर ने अपने पिता के पृथ्वी थिएटर के पास ही निवास किया और साल 1952 में अपनी आखिरी सैलरी 300 रुपये ली थी.

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साल 1953 में शम्मी कपूर ने ‘जीवन ज्योति’ फिल्म के साथ बॉलीवुड में डेब्यू किया. महेश कौल के डायरेक्शन में ‘चांद उस्मान’ उनकी पहली हीरोइन थी. कर‍ियर के शुरुआती द‍िनों में शम्मी कपूर की पहचान थी कि वो कपूर खानदान से ताल्लुक रखते हैं और गीता बाली के पत‍ि हैं. इस बारे में उन्होंने कहा था, मैं पृथ्वीराज कपूर का बेटा, राज कपूर का भाई और गीता बाली का पति हूं, ये बात लोगों के लिए बहुत मायने रखती थी. लेकिन मेरी पर्सनल छव‍ि को बनाने में मददगार नहीं थी.

 

शुरुआती द‍िनों में शम्मी कपूर का वजन काफी कम था. इस दुबले-पतले एक्टर को देखकर मधुबाला ने उनसे कहा था, आपके साथ काम करके नहीं लगता मैं आप‍की ह‍ीरोइन हूं. मुझे लगता है आपको अपना वजन बढ़ा लेना चाह‍िए. शम्मी कपूर ने इस बारे में एक इंटरव्यू में बताया, मधुबाला की कही बात मेरे ल‍िए बहुत मायने रखती थी. इसलिए मैंने बीयर पीना शुरू किया. वजन जल्दी बढ़ाने का यही तरीका मुझे सूझा था.

 

शम्मी कपूर को कर‍ियर में खास पहचान शुरुआत में नहीं मिली. यह उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई थी. उनके लिए फिल्म तुमसा नहीं देखा महत्वपूर्ण थी. उन्होंने कहा था- मुझे पता था कि अगर ये फिल्म नहीं चली तो मेरा कर‍ियर डूबना तय है. शम्मी कपूर ने इस फिल्म के लिए अपना लुक बदला. क्लीन शेव लुक, नया हेयर कट, इन सारी चीजों का इफेक्ट हुआ. आख‍िरकार शम्मी कपूर का अपना नया स्टाइल स्टेटमेंट सामने आया.

ह‍िंदी स‍िनेमा के ‘एल्विस प्रेस्ली’ कहे जाने वाले शम्मी कपूर ने फिल्म ‘तुमसा नहीं देखा’, ‘दिल देकर देखो’, ‘सिंगापुर’, ‘जंगली’, ‘कॉलेज गर्ल’, ‘प्रोफेसर’, ‘चाइना टाउन’, ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘कश्मीर की कली’, ‘जानवर’, ‘तीसरी मंजिल’, ‘अंदाज’ और ‘सच्चाई’ जैसी कई फिल्मों में बेहतरीन अभिनय किया है. 14 अगस्त 2011 को उनका निधन हो गया था.

 

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