आईएस के चंगुल से छूटे दो भारतीय, सालभर से थे बंधक

नई दिल्‍ली। बीते साल लीबिया में आईएस द्वारा दो भारतीय शिक्षकों को बंधक बना लिया गया था। पिछले एक साल से भी अधिक समय से बंधक बनाकर रखे गए दोनों भारतीय नागरिकों को आखिरकार आईएस के चंगुल से छुड़ा लिया गया है।

दोनों नागरिकों का खूंखार आतंकवादी संगठन आईएस ने अपहरण किया था जिसकी जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दी है।

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सुषमा ने कहा कि आप सभी को यह जानकर ख़ुशी होगी कि लीबिया में आईएस  द्वारा अपह्रत आन्ध्र प्रदेश निवासियों को छुड़ा लिया गया है। टी गोपालकृष्णा और सी बलरामकिशन को 29 जुलाई, 2015 से लीबिया में बंधक बनाकर रखा गया था।

यह दोनों ही भारतीय नागरिक लीबिया की सिर्ते यूनिवर्सिटी में शिक्षण कार्य कर रहे थे। अपने दो और साथियों के साथ दोनों त्रिपोली एयरपोर्ट जा रहे थे तभी इनका अपहरण किया गया।

इनके साथ ही दो अन्य भारतीयों लक्ष्मीकांत और विजय कुमार का भी अपहरण किया गया था। परन्तु अपहरण के सिर्फ चार दिनों के अंदर ही लक्ष्मीकांत और विजय को रिहा कर दिया गया था।

आजाद होते ही एम. बालकृष्ण ने हैदराबाद में अपनी पत्नी को फोन कर बताया कि वह सुरक्षित हैं और लीबियन आर्मी ने उन्हें बचाया है।

ये दोनों 2014 में लीबिया से एयरलिफ्ट किये गए लोगो में शामिल थे। मगर कुछ समय बाद कॉलेज खुलने की वजह से ये वापस लीबिया चले गए थे।

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