कानपुर रेल हादसे के पीछे ISI का हाथ, नेपाल और सउदी में बैठे एजेंटों ने की मदद
लखनऊ। इंदौर-पटना एक्सप्रेस व सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस हादसों के पीछे पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ था। नेपाल और सउदी अरब में बैठे एजेंटों की मदद से इसे अंजाम दिया। मोतिहारी से तीन युवकों की गिरफ्तारी के बाद यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है।
लखनऊ से एटीएस की दस सदस्यीय टीम एसपी के नेतृत्व मेंमोतिहारी भेजी गई है। बिहार एटीएस, एनआईए, रॉ समेत कई एजेंसियां मामले की जांच में जुटी हैं। पूर्वी चंपारण के एसपी जितेन्द्र राणा ने मंगलवार को बताया कि भारत-नेपाल सीमा से हाल में पकड़े गए मोती पासवान से कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं।
दोनों ट्रेन हादसे कानपुर के पास पुखरायां और रूरा में हुए थे। इनमें मोती सक्रिय रूप से शामिल था। घोड़ासहन में पिछले साल एक अक्टूबर को रेल ट्रैक पर बम मिला था। इसकी जांच के दौरान पुलिस ने मोती पासवान, मुकेश और उमाशंकर को गिरफ्तार किया है।
मोती ने पुलिस को बताया कि घोड़ासहन में ट्रैक उड़ाने के लिए नेपाल के बृजकिशोर गिरी को 20 लाख रुपये दिए गए थे। दुबई में बैठे आईएसआई एजेंट शमशुल होदा ने पूरी योजना बनाई थी। इसके बाद मोती को कानपुर बुलाया गया।