अस्पताल की लापरवाही से गई सात साल के बच्चे की जान, जानें पूरा मामला

Report- Rahul Katiyar

कानपूरः हैलट हॉस्पिटल के एमआरआई सेंटर में डाक्टरों की लापरवाही से एक सात वर्षीय मासूम बच्ची ने एमआरआई मशीन के अंदर ही दम तोड़ दिया लेकिन एमआरआई करने वालो को पता ही नहीं चला वो तो बच्ची के मॉ बाप ने जब देखा की बच्ची कोई मूव नहीं कर रही है तो उन्होंने उसको लेकर एमरजेंसी में दिखाया तो डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया ।

सबसे बड़ी हैरानी इस बात की है की कानपूर मेडिकल कालेज के कंट्रोल वाले इस हॉस्पिटल का यह सेंटर एक साल से बगैर रिनिवल के चलाया जा रहा है।

कानपूर के हैलट हॉस्पिटल के अंदर चलने वाला ये डाइग्नोस्टिक सेंटर है जिसमे गुरूवार को सात वर्षीय सोफिया को एमआरआई कराने उसके मातापिता लाये थे लेकिन डाक्टरों की लापरवाही से सोफिया की एमआरआई मशीन के अंदर ही मौत हो गई सोफिया के परिजनों का आरोप है की एमआरआई करने से पहले उसको दो इंजेक्शन लगाए गए थे उसके बाद एमआरआई मशीन के अंदर बच्ची को डाला गया एमआरआई मशीन के अंदर बच्ची की मौत के बाद बच्ची को निकाल कर एक स्टेचर पर लिटा दिया गया हमें कुछ बताया भी नहीं गया जब बच्ची ने काफी देर तक हाथ पैर नहीं हिलाये तो हमने वहा मौजूद स्टाफ को बुलाया लेकिन सब इधर उधर भाग गए तब परिजन बच्ची को सामने एमरजेंसी ले गए जहा डाक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया।

बाइट बच्ची की माँ डाक्टर ने एमआरआई कराने भेजा था बच्ची को एमआरआई कराने लाये थे उसके इंजेक्शन लगाकर मशीन में ले गए फिर बाहर निकाला फिर अंदर मशीन में डाला इसके बाद निकाला तो पूरी नीली पड़ गई थी पुरे नौ हजार फीस ली थी

सोफिया फतेहपुर जिले के खागा की रहने वाली थी उसको फतेहपुर जिला हॉस्पिटल से कानपूर हैलट भेजा गया था यहाँ बाल रोग विभाग में इसको भर्ती किया गया था बच्ची बीमार थी उसके कमर में प्राबलम थी इसलिए डाक्टरों ने उसको एमआरआई कराने भेजा था जहा बच्ची के परिजनों ने नौ हजार फीस भी जमा की थी इस एमआरआई सेंटर के बारे में सबसे बड़ी लापरवाही ये सामने आई है की ये पिछले एक साल से बगैर रिनिवल के चलाया जा रहा है।

और बेशर्मी देखिये जब एमआरआई सेंटर के मैनेजर पूनम पांडे से बगैर रिनिवल के सेंटर चलाने के बारे में पूछा गया तो सफाई देने लगी हमने तो फ़ाइल भेजी थी एक साल पहले अधिकारिओ ने नहीं किया तो हम क्या करे ,बच्ची की मौत पर बोली बच्ची को दो इंजेक्शन लगाए गए थे पहला इंजेक्शन दस बजे लगाया गया था बच्ची की एमआरआई होने के बाद मशीन से निकाल लिया परिजनों ने सूचना दी की बच्ची हिलडुल नहीं रही है।

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सबसे बड़ी बेशर्मी हैलट प्रशासन की बच्ची की एमआरआई मशीन में मौत हो गई लेकिन उस पर कोई जांच और कार्यवाही की जगह परिजनों को पोस्टमार्टम का भय दिखाकर बच्ची का शव सीधे फतेहपुर उसके गांव भिजवा दिया यानी एमआरआई मशीन में मरी बच्ची की किसी ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली।

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