यासीन मलिक को पाकिस्‍तानियों के खिलाफ प्रदर्शन करना पड़ा महंगा, भेजे गये जेल

श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर सरकार द्वारा पाकिस्तान के शरणार्थियों को कथित तौर पर अधिवास प्रमाण-पत्र देने के कदम का विरोध करने को लेकर एक विरोध मार्च निकालने के दौरान अलगाववादी नेता यासीन मलिक को शुक्रवार को हिरासत में ले लिया गया।

अलगाववादी नेता यासीन मलिक

अधिकारियों ने हालांकि सरकार द्वारा इस तरह के किसी कदम से इनकार किया है। जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष यासीन मलिक को जुमे की नमाज के बाद लाल चौक पर उस वक्त हिरासत में ले लिया गया, जब वह अपने दर्जनों समर्थकों के साथ एक विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे थे।

सैयद अली शाह गिलानी तथा मीरवाईज उमर फारूक सहित अलगाववादी नेता सरकार के उस कदम का विरोध कर रहे हैं, जिसके तहत पाकिस्तान के शरणार्थियों को राज्य के अधीन अधिकार दिया जाएगा और वे राज्य में नौकरियों के लिए आवेदन तथा जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा चुनाव में मतदान कर सकेंगे।

ये शरणार्थी भारत-पाकिस्तान के बीच 1947, 1965 तथा 1971 में हुए युद्ध के समय से ही जम्मू में बसे हुए हैं। इनकी तीन पीढ़ियां राज्य में रह रही हैं। वे राज्य की नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में मतदान कर सकते हैं।

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन शरणार्थियों को केवल पहचान पत्र जारी किया गया है, ताकि वे केंद्र सरकार के विभागों की नौकरियों के लिए आवेदन कर सकें।

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