जब अमेरिका की ‘फोर्स’ हुई लाचार तो भारत से बुलाने पड़े सपेरे

अमेरिका को भारतीय सपेरों का सहारानई दिल्ली। अमेरिका भले ही दुनिया का सबसे अमीर देश हो लेकिन भारत के सपोर्ट के बिना उसका काम नहीं चल सकता है। भारतीयों के हुनर की पूरी दुनिया कायल है। यही वजह है कि अजगरों से परेशान अमेरिका को भारतीय सपेरों का सहारा लेना पड़ गया। जिसके बदले इन भारतीय सपेरों को 44 लाख रुपये दिए गए हैं। फ्लोरिडा के वन्यजीव अधिकारियों ने अमेरिकी जंगलों में मौजूद बर्मन मूल के अजगरों को पकड़ने के लिए दो भारतीय सपेरों को काम पर रखा है।

अमेरिका को भारतीय सपेरों का सहारा

अमेरिका के जंगलों में ऐसे अजगर हैं जो छोटे स्तनधारी प्राणियों को खा जाते हैं जिसकी वजह से इन स्तनधारी प्राणियों की प्रजातियां ख़त्म होती जा रही हैं। इस खतरे को समझते हुए अमेरिका ने भारतीय सपेरों की मदद ली है।

इन लोगों ने महज 8 दिनों में ही 13 अजगरों को पकड़ दिखाया। साथ ही 16 फीट लंबी मादा अजगर को भी पकड़कर लोगों को चकित कर दिया था।

तमिलनाडु की इरला जनजाति के इन सपेरों का नाम मासी सदाइयान और वैदिवेल गोपाल है। इन दोनों को विशालकाय सांपों को पकड़ने के लिए जनवरी की शुरुआत में बुलाया गया था। फरवरी तक फ्लोरिडा में ही रहने वाले इन दोनों सपेरों के लिए अनुवादकों का भी इंतजाम किया गया है। इरला जनजाति का साप पकड़ने का पेशा होता है।

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