अमेठी में सगरा आश्रम के पीठाधीश्वर की सुरक्षा वापस लिए जाने से नाराज संत समाज

REPORT – LOKESH TRIPATHI/AMETHI 

एक तरफ जहां इस समय राम मंदिर को लेकर संवेदनशीलता बढ़ गई है। अधिकारियों कर्मचारियों की छुट्टियां समाप्त कर दी गई है। वहीं दूसरी तरफ राम मंदिर से जुड़े संतों की सरकार के द्वारा उपेक्षा की जा रही है। दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि अभी 2 दिन पहले हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की निर्मम हत्या कर दी जा रही है। वहीं पर मात्र हिंदुओं के कल्याण तथा राम मंदिर से जुड़े अति प्रसिद्ध संत मौनी बाबा की सुरक्षा व्यवस्था हटा ली जाती है।

आपको बता दें कि यह मौनी बाबा अमेठी जनपद के गौरीगंज तहसील अंतर्गत बाबूगंज स्थित सगरा आश्रम के पीठाधीश्वर है। यही नहीं यह लगभग सैकड़ों आश्रमों के पीठाधीश्वर हैं। विशेष रूप से यह हिंदुओं की बात करते हैं और हिंदुओं के लिए काम करते हैं। जिसके चलते कई बार इनके ऊपर प्राणघातक हमले भी हो चुके हैं। इनका एक आश्रम रायबरेली जनपद के ऊंचाहार में भी स्थित है।

सुरक्षा हटाने से नाराज संत समाज

जहां के पुजारी को अभी कुछ दिनों पहले गेट पर ही फांसी के फंदे में लटका दिया गया था ।जिसके बाद रायबरेली जनपद से इनको व्यक्तिगत रूप से 2 सुरक्षाकर्मी दिए गए थे । वही अमेठी जनपद से इनके आश्रम सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। किंतु अचानक 18 तारीख की शाम को दोनों जनपद के सुरक्षाकर्मियों को वापस बुला लिया गया।

जिस पर पीठाधीश्वर मौनी जी महाराज सहित इनके समर्थक खासे नाराज हैं ।मौनी जी महाराज ने कहा है कि अगर मेरी हत्या हो जाती है। इसका संपूर्ण उत्तरदायित्व शासन और प्रशासन का होगा।या तो शासन की बात प्रशासन नहीं मान रहा है मनमानी कर रहा है या फिर दोनों मिलकर मेरी हत्या करवाना चाहते हैं ।

आपको बता दें कि पिछले 28 वर्षों से राम मंदिर आतंकवाद गौ हत्या, वंदे मातरम हिंदू राष्ट्र, सहित अनेक हिंदूवादी संकल्पों को लेकर महायज्ञ के साथ-साथ लोक सभा राज्य सभा, विधान सभा, विधान परिषद में हिंदुओं का साम्राज्य हो जैसे राष्ट्रवादी मुद्दे को लेकर आगे बढ़े हैं और उनके लिए हवन और यज्ञ किया है उपेक्षित प्रताड़ित धर्म पीठों का जीर्णोद्धार एवं मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था तथा धार्मिक आंदोलन लगातार करते रहते हैं।

धर्मांतरण का विरोध करना, ना मानने पर मुस्लिम लड़कियों को हिंदू धर्म में विवाह करना भी एक आम मुद्दा है। जिसके लिए कई बार मौनी महाराज पर हमले भी हो चुके हैं। पाकिस्तानी आतंकवाद सहित आतंकी संगठनों के विनाश के लिए यज्ञ करना भी एक प्रमुख कारण है। वंदे मातरम पदयात्रा, सगरा गौरीगंज से अयोध्या तक एवं आतंकवाद बंद करो पदयात्रा सगरा आश्रम गौरीगंज से वाराणसी काशी तक इस पीठाधीश्वर ने किया है।

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सबसे बड़ी बात आपको बता दूं कि यह जिस पीठ पर यह रहते हैं। सगरा आश्रम बाबूगंज वहां के पूर्व पीठाधीश्वर की उसी आश्रम परिसर में निर्दयता पूर्वक काट कर हत्या कर दी गई थी। प्रत्येक यज्ञ अनुष्ठान,परिक्रमा, भू समाधि, जल समाधि सहित धार्मिक अनुष्ठान, राष्ट्र कल्याण एवं मातृ हिंदुओं के कल्याण के लिए ही करते हैं ।बाहुबली और राष्ट्र विरोधियों, धर्म विरोधियों एवं आश्रम पर अतिक्रमणकारियों का विरोध करना भी इनकी कार्यशैली में है। इस पीठाधीश्वर के द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हेतु 2100 कुंडीय महायज्ञ किया गया था ।

सबसे बड़ी बात तो यह है कि सगरा आश्रम मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में स्थित है। जहां के वह पीठाधीश्वर है ।उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अगर मेरी हत्या हो जाती है तो शासन और प्रशासन दोनों संयुक्त रूप से इसके जिम्मेदार हैं। वहीं इस मामले में जब अमेठी पुलिस अधीक्षक से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने साफ तौर पर कह दिया कि हमारे यहां से कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं दी गई थी 2 होमगार्ड लगाए गए थे जो शासन के निर्देश पर वापस चले गए क्योंकि होमगार्ड हमारे विभाग के अंदर नहीं आते हैं।

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