अमेठी में पुल टूटने से जोखिम में पड़ी गाँव वालों की जान, प्रशासन को नहीं कोई खबर

REPORT – LOKESH TRIPATHI/AMETHI

एक तरफ सरकार जनता की सुविधा के लिए नई-नई सड़कें बनाने नई रेलवे लाइन बिछाने तथा पुलों का निर्माण करने की कवायद कर रही है वहीं पर पुराने पुल जो अभी तक जनता की आवाज अमन का सुविधा बने थे उनको सुरक्षित तथा संरक्षित कर पाने में असमर्थ दिखाई पड़ रही है ऐसा ही एक मामला अमेठी में देखने को मिला है जहां पर पिछले कई साल से जर्जर हुआ पुल टूट गया जिसके चलते उधर से आने जाने वाले लगभग 100 गांव के लोगों को बड़ी ही मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है और शासन प्रशासन हाथ पर हाथ रखे बैठा हुआ है.

पुल टूटने से असुविधा

दरअसल आपको बता दें कि अमेठी जनपद की अमेठी तहसील अंतर्गत विशेश्वरगंज किठावर मार्ग पर मल्टी नदी के ऊपर बना पुल पिछले कई सालों से जर्जर अवस्था में था जिस पर ना तो किसी जनप्रतिनिधि और ना ही अधिकारियों ने ध्यान दिया जिसके चलते वह अब पूरी तरह से टूट चुका है और उधर से आवागमन बाधित हो गया है.

इधर से गुजरने वाली अमेठी की जनता तथा आम लोग बड़ी ही मुश्किल में फंसे हैं एक तरफ जहां पुल के बगल से लोग खाई कूदकर साइकिल तथा मोटरसाइकिल से आते जाते हैं और खतरनाक स्टंट करते हैं जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है और यहां तक की जान भी जा सकती है।

यह समस्या पिछले 1 साल से चल रही है यह विशेश्वरगंज संग्रामपुर को जाने वाला रास्ता है इसमें लगभग 1 साल से पुल डैमेज था लेकिन जब इस पर कार्यवाही नहीं हुई तो या पिछले दिनों गिर गया इसकी रेलिंग भी गिर गई है.

जिससे इस क्षेत्र के धानापुर विशेश्वरगंज आदि के लोग तथा इसी रोड से ट्रक भी निकलती हैं इलाहाबाद और प्रतापगढ़ के लिए इससे आवागमन बाधित हो गया है इसलिए हम प्रशासन से मांग करते हैं कि इसको अतिशीघ्र दुरुस्त कराया जाए कभी भी इस पर बड़ी घटना हो सकती थी.

यह प्रशासन के संज्ञान में भी था वह अपने हिसाब से काम भी किए होंगे बजट बजट नहीं मिला होगा कोई समस्या हुई होगी जे ई से मेरी बात हुई तो उन्होंने कहा कि मैं इसी का बजट पास कराने लखनऊ गया हूं जब सरकार द्वारा कोई बजट दिया जाएगा तभी कोई काम होगा।

यह पुल पिछले 1 साल से थोड़ा सा टूटा हुआ था लेकिन ज्यादा कल गिर गया और पहले भी टूटा था प्रशासन को खबर भी दी गई थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई सभी लोग दूर-दूर से आवाजाही लगा रखे थे इस पर सिर्फ दो पहिया वाहन चला करते थे चार पहिया वाहन बंद थे.

लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई कल से बिल्कुल बंद है रास्ता जाम हो गया है हम लोग कालिकन धाम में दुकानदारी करते हैं दूर से आना जाना पड़ता है 10 किलोमीटर घूम कर आते जाते हैं.

इसको बनाने के लिए जितनी जल्दी हो सके कोशिश करें क्योंकि इस पर बस ट्रक आती जाती रहती है कालिकन में श्रद्धालुओं को लेकर बस आती है अब सब बंद हो गया है कैसे आ जा पाएंगे इस रोड से विषेशरगंज तथा कुंभी से बस भी प्रतापगढ़ के लिए जाती है.

इसी रास्ते से तीन-चार बसें जाती थी वह भी बंद हो गई है ट्रक भी बंद हो गई और चार पहिया वाहन भी बंद हो गया इसलिए बहुत परेशानी है अभी कोई देखने यहां नहीं आया।

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यह समस्या लगभग 1 साल से चल रही है पीडब्ल्यूडी का यह हाईवे जब से बना हुआ है यह रायबरेली वाया प्रतापगढ़ को जोड़ता है सोमवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां गांव की किठावर से लेकर लालगंज पक्की लोग मां कालिका का दर्शन करने कालिकन धाम आते हैं.

लेकिन अभी तक प्रशासन मौन बैठा हुआ है कोई बड़ा हादसा हो जाएगा तो इसका आखिर जिम्मेदार कौन होगा हम गांव वाले यही मांग करना चाहते हैं कि जल्द से जल्द पुल का निर्माण हो या फिर कोई वैकल्पिक व्यवस्था निकाली जाए नहीं तो 10 किलोमीटर घूमकर हम लोगों को यहां मन से मंदिर तक जाना पड़ता है.

मंदिर तक जाने के लिए कोई रास्ता बचा नहीं है यहां पर तमाम बड़ी गाड़ियां भी आती हैं किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है इसके लिए प्रशासन से कई बार मांग की जा चुकी है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

वहीं पर जब जिलाधिकारी प्रशांत शर्मा से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया की इस मार्ग के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मुझे आज प्राप्त हो रही है इसलिए संबंधित संस्था को इसकी स्कूटनी कराने के लिए तत्काल निर्देशित किए जा रहे हैं.

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