अमित शाह ने बोले- अनपढ़ों की फौज लेकर कोई देश विकास नहीं कर सकता

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकार के मुखिया के तौर पर दो दशक पूरा होने पर एक आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा, 2014 तक देश की जनता में बहुत बड़ा प्रश्न आ गया था कि क्या बहुपक्षीय लोकतांत्रिक संसदीय व्यवस्था सफल हो सकती है?

विकास की सबसे बड़ी जरूरत शिक्षा होती है। मुझे ट्रोल किया गया लेकिन मैं फिर कहुंगा कि अनपढ़ों की फौज लेकर कोई देश विकास नहीं कर सकता। उसको पढ़ाने की जिम्मेदारी शासन की है… मेरी बात का अलग मतलब निकाला गया।मैं अनपढ़ लोगों के खिलाफ नहीं हूं,वो खुद इस व्यवस्था से पीड़ित हैं। 2014 के चुनाव के पहले मनमोहन सिंह की सरकार 10 वर्ष पूरे कर चुकी थी। उनकी सरकार में कैबिनेट के मंत्री खुद को ही प्रधानमंत्री मानते थे। देश के लिए कोई पॉलिसी नहीं थी, देश की सुरक्षा पर कोई बात ही नहीं होती थी। उस समय रोज़ एक नया भ्रष्टाचार सामने आता था।

अमित शाह ने कहा, भारत की आजादी को 75 साल हो गए हैं। जब हम आजाद हुए, हमारे देश की संविधान सभा बनी, संविधान सभा ने मल्टी पार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम को स्वीकार किया। बहुत सोच समझकर स्वीकार किया था जो उचित फैसला था। इतना बड़ा देश, इतनी विविधताओं वाला देश, किसी व्यक्ति के आधार पर चुन कर नहीं आना चहिए। मल्टी पार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम होना चाहिए, हर पार्टी की एक आईडियोलॉजी होनी चाहिए।

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