अब विमानों में वाई-फाई सेवा देने की तैयारी में हैं जियो, लाइसेंस के हो रहें हैं आवेदन

नई दिल्ली : रिलायंस जियो ने विमानों में वाई-फाई सुविधा देने के लिए दूरसंचार विभाग के पास आवेदन किया है। इससे पहले बीएसएनएल और एयरटेल को दूरसंचार विभाग की तरफ वाई-फाई सेवा शुरू करने के लिए लाइसेंस मिल चुका हैं।
एयर लाइन
वहीं इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी के लिए ऑर्टस कम्यूनिकेशन, स्टेशन सैटकॉम और क्लाउड कॉस्ट डिजिटल ने भी आवेदन कर रखा है। हालांकि ऑर्टस कम्यूनिकेशन से दूरसंचार विभाग ने कुछ सूचनाएं मांगी हैं।
लेकिन दूरसंचार विभाग ने सबसे पहले ह्यूजेस कम्यूनिकेशन इंडिया लिमिटेड को लाइसेंस दिया था। इसके अलावा टाटा टेलीनेट, सरकारी कंपनी बीएसएनएल और ओमिनी कनेक्ट थीं। इससे पहले सुरक्षा को ध्यान में रखकर विभाग समेत दूरसंचार आयोग ने यह सेवा मुहैया कराने में देसी सेटेलाइट का उपयोग करने को कहा हैं।
देखा जाये तो यूरोकॉन्सूलेट के मुताबिक, 2027 तक 23,000 से अधिक वाणिज्यिक विमान अपने यात्रियों को यह सुविधा देने लगेंगे। साल 2017 तक 7,400 विमान ही यह सुविधा दे रहे थे। नॉर्दर्न स्काई रिसर्च की एयरोनॉटिकल सैटकॉम मार्केट-2017 नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 के अंत तक हर तीन में से एक वाणिज्यिक विमान में वीएसएटी (वेरी स्मॉल एपर्चर टर्मिनल) कनेक्टिविटी स्थापित की जाएगी।
इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी सेवा की शुरुआत में ग्राहक सिर्फ  इंटरनेट सर्फिंग कर सकेंगे। बातचीत की सेवाएं मुहैया कराने में अभी कुछ वक्त लगेगा। दूरसंचार आयोग ने भी देश की व्यवस्था का उपयोग सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए करने को कहा था।

दरअसल करीब 30 विदेशी विमानन कंपनियां भारतीय हवाई सीमा से इतर कई देशों में इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी मुहैया कराती हैं। इनमें एयर एशिया, एयर फ्रांस, ब्रिटिश एयरवेज समेत अन्य विमानन कंपनियां हैं।

जहां मौजूदा समय भारतीय हवाई क्षेत्र के संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देश और क्रियान्वयन नियम नहीं होने की वजह से यह सेवाएं बंद हो जाती हैं। विभाग का कहना है कि एयरलाइंस कंपनियों को आय का नया जरिया मिलेगा। इससे पहले दूरसंचार आयोग द्वारा ट्राई की सिफारिशों को मंजूरी प्रदान की गई थी।

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