अब छोटे घर मनाने के लिए भी नक्शा पास कराने के लिए नहीं करनी होगी मशक्कत, कैबिनेट ने सुनाया यह फरमान

अब उत्तराखंड में छोटे भवनों को बनवाना भी आसान होगा. उत्तराखंड सरकार अब छोटे घर बनाने के लिए भी पहले मानचित्र की मदद लेगी. मंत्रिमंडल ने 105 वर्ग मीटर तक के आवासीय भवनों के मानचित्र स्वीकार कर लिए हैं. अब मानचित्र के सहारे भवनों का निर्माण काम शुरू होगा.

उत्तराखंड

प्राधिकरणों से मानचित्र स्वीकृति में लगने वाले कई माह का इंतजार नहीं करना होगा। मंत्रिमंडल ने राज्यधीन सेवाओं, निगमों, सार्वजनिक उद्यमों, शिक्षण संस्थानों में सीधी भर्ती के लिए विभिन्न श्रेणियों में लागू आरक्षण व्यवस्था का रोस्टर जारी कर दिया है। केंद्र सरकार का तय आरक्षण रोस्टर ही प्रदेश में लागू होगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि बैठक में 31 प्रस्ताव प्रस्तुत हुए, जिसमें से 30 को मंजूरी मिल गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एकीकृत बिल्डिंग बायलॉज की दिशा में 105 वर्ग मीटर तक के भवनों में मानचित्र पास करना सरल किया है।

प्राधिकरणों में मानचित्र पास करने में लगने वाले समय की जगह अब सूचीबद्ध आर्किटेक्ट से स्वप्रमाणित मानचित्र ही निर्माण कार्य शुरू करने के पर्याप्त होगा। आर्किटेक्ट से प्रमाणित मानचित्र को आनलाइन जमा करवाने और सभी शुल्क देने के साथ निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा। मानचित्र पारित करने अंतिम स्वीकृति प्राधिकरण की रहेगी। प्राधिकरण अगर मानचित्र में कोई खामी पाता है तो पास करने वाले आर्किटेक्ट को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।

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सीधी भर्तियों के लिए आरक्षण रोस्टर को मंजूरी

सरकारी सेवाओं में सीधी भर्ती का आरक्षण रोस्टर तय करने के लिए कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की अध्यक्षता में बनी मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने रिपोर्ट दे दी है। उपसमिति में कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे, सुबोध उनियाल सदस्य थे, जबकि अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सदस्य सचिव थी।

समिति ने राज्यधीन सेवाओं में केंद्र सरकार के अनुरूप अनुसूचित जाति के लिए 19 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए चार प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 14 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत ऊर्ध्व आरक्षण लागू करने की सिफारिश की थी, जिसे मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। राज्यधीन सेवाओं में सीधी भर्ती के लिए क्षैतिज आरक्षण में महिला 30 प्रतिशत, भूतपूर्व सैनिक 5 प्रतिशत, चार प्रतिशत दिव्यांगजन और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों को दो प्रतिशत रहेगा।

हालांकि रिक्ति आधारित चयन प्रणाली के स्थान पर विभागों के अंतर्गत समस्त श्रेणियों में निर्धारित प्रतिशत के तहत अलग अलग पद आधारित क्षैतिज आरक्षण की गणना रोस्टर के अनुसार लागू करने की सलाह दी। मंत्रिमंडल ने इसे स्वीकृत दे दी है।

यह रहेगी रोस्टर की व्यवस्था 
सरकार अगर सौ पदों पर सीधी भर्ती निकालती है, तो नए रोस्टर के अनुसार पहला पद अनारक्षित होगा, छठवां पद अनुसूचित जाति के लिए, आठवां पद अन्य पिछड़ा वर्ग, 10वां पद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए और 21 वां पद अनुसूचित जाति के लिए रहेगा। इसी तरह आगणित पदों के सापेक्ष क्षैतिज आरक्षण में चौथा पद महिला, 21वां पद भूतपूर्व सैनिक, 25वां पद दिव्याजन और 51 पद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों का रहेगा।

ऋषिकेश बाइपास में कैबिनेट ने रायल्टी हटाई

चारधाम सड़क परियोजना के तहत ऋषिकेश बाइपास के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली उप खनिज सामग्री (रेत, बजरी) पर प्रदेश सरकार रायल्टी नहीं वसूलेगी। बुधवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने प्रदेश सरकार के समक्ष यह शर्त रखी है कि उप खनिज सामग्री पर वसूली जाने वाली रायल्टी और जीएसटी में छूट दिए जाने पर बाइपास के निर्माण पर विचार हो सकता है।

भूमि अधिग्रहण की अधिक लागत होने की वजह से केंद्र सरकार ने बाइपास निर्माण को लेकर हाथ खड़े कर दिए थे। इसके अलावा कैबिनेट ने सड़कों के निर्माण के दौरान वसूले जाने वाले सुपर विजन चार्जेज को 15 फीसदी से घटाकर ढाई फीसदी कर दिया है।

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दोनों प्रस्ताव बुधवार को कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत हुए थे। चारधाम सड़क परियोजना के तहत 17.23 किमी लंबाई के ऋषिकेश बाइपास के निर्माण में इस्तेमाल वाली निर्माण सामग्री पर रायल्टी न वसूले जाने से प्रदेश सरकार को करीब 4.04 करोड़ रुपये की राजस्व की हानि होने का अनुमान है। इसके अलावा उक्त बाइपास निर्माण पर राज्य वस्तु एवं सेवाकर के तहत छह प्रतिशत की दर से 12.21 करोड़ रुपये की वसूली में भी छूट मांगी गई है। जीएसटी में छूट का निर्णय संबंधित विभाग करेगा।

518.84 करोड़ से बनेगा बाइपास  
षिकेश बाइपास के निर्माण पर 518.84 करोड़ के खर्च का अनुमान है। इस योजना के तहत टिहरी गढ़वाल के ढालवाला, मुनिकी रेती, गुगत्यानी मल्ली गांवों में तथा देहरादून के श्यामपुर, गुमानीवाला एवं ऋषिकेश शहर में 5.93 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है। अधिग्रहण पर 231.23 करोड़ रुपये की प्रतिकर राशि केंद्र सरकार वहन करेगी। इस परियोजना पर 518.84 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

सुपरविजन चार्जेज ढाई फीसदी हुआ
प्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्य में मार्गों के निर्माण एवं चौड़ीकरण वसूले जाने वाले सुपरविजन चार्जेज को घटाकर ढाई फीसदी कर दिया है। यूटिलिटी शिफ्टिंग के तहत ऊर्जा विभाग के तहत पिटकुल और यूपीसीएल की बिजली लाइनों व पोलों तथा पेयजल विभाग के तहत जल संस्थान व जल निगम की पाइप लाइनों को शिफ्ट किए जाने के एवज में संबंधित विभागों द्वारा 15 से 12.5 फीसदी सेंटेज या सुपरविजन चार्ज वसूला जाता है।

 

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