अपराधियों का काल बनकर उभरी योगी पुलिस, एक जोन में मारे 51 अपराधी

नई दिल्ली। कानून व्यवस्था के मामले पर योगी सरकार की सख्ती अब अपराधियों पर भारी पड़ने लगी है। उस मेरठ जोन में जहां कभी अपराधियों का बोलबाला रहता था, अब धड़ाधड़ अपराधी मारे जा रहे हैं। यूपी पुलिस ने अकेले मेरठ जोन में एनकाउंटर का रिकार्ड बना दिया है। इसमें सबसे अहम उन चार अपराधियों का एनकाउंटर है जिन्होंने अपने एक साथी अपराधी को छुड़ाने के लिए यूपी पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर की जान ले ली थी।

पुलिस ने जिस अंदाज में अपराधियों का पीछा कर उन्हें गोली मारी, वो कल्पना से भी परे है। यूपी के भीतर इतनी चुस्त-दुरुस्त और एक्टिव पुलिस की कल्पना भी नही की जा सकती है। इसकी शुरूआत बीती 2 जुलाई को हुई जब कुख्यात अपराधी रोहित की मुजफ्फरनगर कोर्ट में पेशी थी।

पुलिस उसे लेकर कोर्ट से वापस लौट ही रही थी कि अचानक एक लग्जरी कार से उतरे बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं और पिछले 4 साल से जेल में बंद रोहित को छुड़ा ले गए।

इस गोलीबारी में एक एसआई दुर्गविजय सिंह की मौत हो गई। इस एनकाउंटर का बदला पुलिस और कानून के मनोबल के लिहाज से बेहद जरूरी था। 16 जुलाई को पुलिस ने मुजफ्फरनगर के भीतर ही एक मुठभेड़ में इस गैंग के दो अपराधियों रोहित और राकेश को मार गिराया। दूसरे दो अपराधी अमित और रजत उसी रोज शाम को मेरठ में मार गिराए गए। पुलिस की इस कार्यवाही ने अपराधियों के भीतर सनसनी फैला दी।

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ये सब के सब इनामी अपराधी थे। मेरठ जोन के एडीजे प्रशांत कुमार खुद इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी कर रहे थे। उनके मुताबिक पिछले ढ़ाई साल में अकेले मेरठ जोन में अब तक 51 बदमाश एनकाउंटर में मारे गए हैं जबकि कुल 945 अपराधियों को गोली मारी गई है। अपराधियों के विरुद्ध योगी सरकार में जिस तरह से कार्यवाही हो रही है, उसने उनके भीतर सिहरन और दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।

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