अपने हुनर से देश की बेटियों ने दी चीन को टक्कर, रद्दी के कागजों से रौशन की दीवाली
नई दिल्ली। इस दीवाली जहॉ देशभर में चीन के सजावटी सामानों का विरोध हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ देश की बेटियों ने इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए विकल्प के तौर पर चीन से सस्ता और इको-फ्रैंडली दीवाली मनाने के लिए बेकार पड़ी रद्दी से त्योहार रौशन करने का निश्चय किया है।
दिवाली अपने साथ ढेर सारी रोशनी और समृद्धि लेकर आती है, लेकिन इस बार की दिवाली और भी खास है। क्योंकि इस दिवाली कोटा स्थित आश्रय स्थल नारी निकेतन की लड़कियां कुछ अनोखा कर रही हैं। ये लड़कियां बेकार हो चुके (वेस्ट मटीरियल) सामानों से सजावटी झालरों का निर्माण कर रही हैं।
पर्यावरण संरक्षण के अपने प्रयास में कोटा स्थित आश्रय स्थल नारी निकेतन की लड़कियों ने बेकार हो चुके प्लास्टिक, ग्लास बोतलों, बक्से, पेटियों और धातुओं से सजावटी झालरों का निर्माण किया है।
जिन सामानों को हम उठा कर फेंक देते हैं, काम वाली बाई को दे देते हैं या फिर कबाड़े वाले को बेच देते हैं, उन्हीं सामानों के इस्तेमाल से कोटा की ये लड़कियां अंधेरे घरों को रोशन करने की कोशिश में जुटी हुई हैं।
कोटा स्थित एनजीओ सचेतन सोसाइटी की सचिव भारती गौड़ ने बताया है, कि ‘उनके द्वारा बनायी गयी सामग्री को रैन बसेरा पार्क में दो दिवसीय प्रदर्शनी सह कार्यशाला में बेचा गया। आयोजन में बहुत लोग जुटे । इससे उनको बहुत प्रोत्साहन मिला।’
प्रदर्शनी ने आम जनता का मन मोह लिया। वहां रखी सभी वस्तुएं अपनी खूबसूरती बयान कर रहीं थीं। प्रदर्शनी में लगी हैंड मेड वस्तुओं की कीमत 75 रूपये से लेकर 300 रूपये तक के बीच है।
और सबसे अच्छी बात यह है, कि प्रदर्शनी में बिके हुए समानों से प्राप्त होने वाली रकम से नारी निकेतन की लड़कियों का हुनर संवारने का कार्यक्रम होगा।