
नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे एक बार फिर से आमरण अनशन करने वाले हैं। हालांकि इस बार उनके निशाने पर कांग्रेस नहीं बल्कि केंद्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) है।
दरअसल, अन्ना हजारे ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद लोकपाल व लोकायुक्त अधिनियम लागू नहीं करने पर केंद्र की निंदा की है। इसके साथ ही ने 30 जनवरी 2019 से आमरण अनशन का ऐलान किया है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को सत्ता में आए करीब साढ़े चार साल हो गए हैं लेकिन अब तक इस कानून पर केन्द्र सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। बता दें कि हजारे ने विगत 22 जनवरी को कहा था कि लोकपाल कानून होता तो राफेल ‘घोटाला’ नहीं हुआ होता।
लोकपाल के लिए हजारे ने केंद्र को 32 बार लिखा पत्र
मालूम हो कि हाल में अन्ना हजारे ने यह भी कहा था कि मोदी सरकार को सत्ता में आए करीब साढ़े चार साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक इस कानून पर केन्द्र सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इस मुद्दे पर मैंने मोदी सरकार को 32 बार पत्र लिखा लेकिन कोई जवाब नहीं आया। सरकार लगातार लोकपाल की अनदेखी कर रही है।
30 जनवरी से शुरू करेंगे भूख हड़ताल
अन्ना हजारे एक बार फिर महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन को शुरू करने वाले हैं। अन्ना ने 30 जनवरी को अपने गांव रालेगढ़ सिद्धी में भूख हड़ताल शुरू करने की बात कही। अन्ना हजारे ने कहा, ‘अतीत में सरकार लिखित में कह चुकी है कि वह लोकपाल कानून पारित करेगी।
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किसानों को पेंशन व डेढ गुना अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध कराएगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब मैं और झूठे आश्वासनों पर विश्वास नहीं करूंगा। जीवन रहने तक भूख हड़ताल जारी रखूंगा।’