अनशन पर बैठी मेधा पाटकर को पुलिस ने 12वें दिन जबरन हटाया

अनशन परमध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश में सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों के पुनर्वास की मांग को लेकर अनशन पर बैठीं सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और उनके साथी को पुलिस ने प्रदर्शन स्थल से हटाया। साथ ही उन्हें इंदौर, बड़वानी और धार के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, गिरफ्तार नहीं किया गया है। सोमवार को उनके अनशन का 12वां दिन था।

बता दें कि नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर और 11 दूसरे कार्यकर्ता भी अनिश्चितकालीन अनशन पर थे।

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ट्वीट कर कहा, ‘‘ मैं संवेदनशील व्यक्ति हूं। चिकित्सकों की सलाह पर मेधा पाटकर और उनके साथियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, गिरफ्तार नहीं किया गया है।’’ उन्होंने कहा कि मेधा पाटकर और उनके साथियों की स्थिती चिंतनीय थी। इसलिए ये कदम उठाया गया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विस्थापितों के पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार ने नर्मदा पंचाट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन के साथ 900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पैकेज देने का काम किया।

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इंदौर संभाग आयुक्त संजय दुबे ने बताया कि मेधा को इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह होश में हैं और बातचीत कर रही हैं। उनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। उनकी सेहत में सुधार के लिये ड्रिप के जरिए जरूरी द्रव और दवाइयां उनके शरीर में पहुंचाई जा रही हैं।

इस बीच, इंदौर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय शर्मा ने दावा किया कि पुलिस ने चिखल्दा में मेधा और अन्य लोगों को अनशन से उठाए जाने के दौरान बल प्रयोग नहीं किया. उन्होंने कहा कि मौके पर मौजूद लोगों ने इन्हें अनशन से उठाए जाने के दौरान धक्का-मुक्की कर उग्र प्रतिक्रिया दिखाई, जिससे सात पुलिस कर्मी घायल हुए, कुछ सरकारी गाड़ियों के कांच टूट गये और कुछ वायरलेस सेट गायब हो गए।

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