इन लोगों के लिए विटामिन-ई की खुराक है बेहद जरूरी, नहीं तो

अधिक विटामिन-ईमोटापे से ग्रस्त लोगों को अधिक विटामिन-ई लेने की जरूरत है, क्योंकि नए शोध से पता चला है कि उन्हें सामान्य स्तर से अधिक विटामिन लेना आवश्यक है। नए शोध के मुताबिक, वजन बढ़ना और ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ना जैसी अन्य समस्याएं विटामिन-ई के प्रभाव को कम कर देती है।

यह विटामिन बादाम जैसे सूखे मेवों, बीजों, और जैतून के तेल जैसे कुछ खाद्य पदार्थों में उच्चतम स्तर पर पाया जाता है।

अध्ययन में सामने आया है कि विटामिन ई की कमी से हृदय रोग, मधुमेह, अल्जाइमर रोग और कैंसर सहित उपापचयी सिंड्रोम जैसी बिमारियां हो सकती हैं।

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इस अध्ययन के निष्कर्ष पर शोधकर्ताओं ने कहा कि विटामिन ई वसा में घुलने वाला पोषण है और सैद्धांतिक रूप से इसे उन लोगों में उच्चस्तर पर होनी चाहिए, जिनका वजन अधिक है और अधिक मात्रा में वसायुक्त भोजन लेते हैं।

हालांकि शोध में पता चला है कि विटामिन ई उच्च स्तर पर घुलनशील है। मोटापे से ग्रस्त लोगों में इन महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी पाई जाती है, जहां इसकी ज्यादा जरूरत होती है।

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अमेरिका के ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी से संबद्ध एक शोधकर्ता मारेट ट्रेबर ने कहा, “विटामिन ई लिपिड के साथ जुड़ा हुआ होता है या वसा रक्त में पाया जाता है, लेकिन यह ज्यादातर एक सूक्ष्म पोषक हैं।” ट्रेबर ने कहा, “इस प्रक्रिया में जुड़े हुए विटामिन ई को खारिज भी करते हैं।”

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