अडानी समूह पर लगा 200 करोड़ का जुर्माना माफ

अडानी समूहदिल्‍ली । किसी को भी नहीं बख्शने का दावा करने वाली केंद्र की मोदी सरकार ने अडानी समूह पर लगे 200 करोड़ रुपये के जुर्माने को माफ कर दिया है। पीएम मोदी से अपनी कथित नजदीकियों के कारण कई बार सुर्खियों में रहे गौतम अडानी ही इस समूह के मालिक हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के कारण पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने अडानी समूह पर यह जुर्माना लगाया गया था। लेकिन मोदी सरकार ने जुर्माना लगाने के फैसले को रद कर दिया है।

2012 में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने मुंदड़ा प्रोजेक्ट से पर्यावरण को हुए नुकसान के आरोपों की जांच के लिए सुनीता नारायण की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को हुए व्यापक नुकसान और अवैध तरीके से जमीन लेने जैसी बातों को खुलासा किया है।

समिति ने परियोजना के उत्तरी पोर्ट पर प्रतिबंध लगाने और क्षतिपूर्ति के लिए परियोजना लागत का एक प्रतिशत या 200 करोड़ रुपये जो भी अधिक हो, वसूलने की सिफारिश की थी। समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए मंत्रालय ने अडानी पोर्ट एंड सेज को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

हालांकि तत्कालीन यूपीए सरकार में मंत्रियों के फेरबदल (पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन की जगह वीरप्पा मोइली ने ली) कोई अंतिम फैसला नहीं लिया जा सका था। लेकिन सरकार बदलने के बाद पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सितंबर 2015 में जुर्माने को रद कर दिया।

गुजरात के प्रोजेक्ट की क्लियरेंस भी बढ़ी

पर्यावरण मंत्रालय ने अडानी पोर्ट एंड सेज के वाटरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को दी गई पर्यावरण क्लियरेंस को भी बढ़ा दिया गया है। अडानी ग्रुप का ये प्रोजेक्ट गुजरात के मुंदड़ा में है और ये पर्यावरण क्लियरेंस कंपनी को साल 2009 में ही दी गई थी। यूपीए सरकार द्वारा अडानी ग्रुप की कंपनी पर कई सख्त नियम लागू किए गए थे, जिनमें से ज्यादातर को हाल ही में पर्यावरण मंत्रालय ने हटा लिया था।

700 एकड़ में फैला है प्रोजेक्ट

गुजरात के मुंदड़ा में वाटरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट सामान लाने-ले जाने का बड़ा प्रोजेक्ट है और ये प्रोजेक्ट लगभग 700 एकड़ में फैला है। ये एक विशाल SEZ और टाउनशिप कॉम्पलेक्स का हिस्सा है। फिलहाल पर्यावरण संबंधी रियायतें मिलने पर अडानी समूह और मंत्रालय दोनों ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है।

LIVE TV