इस बीमारी से हर साल अचानक मौत के आगोश में चले जाते हैं 3 लाख लोग

अचानक हार्ट अटैकनई दिल्ली। सडेन कार्डियक अरेस्ट यानी अचानक हार्ट अटैक (एससीए) से हर साल तीन लाख लोगों की मौत हो जाती है, जिनमें सात हजार बच्चे भी शामिल हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी। उनके मुताबिक, एससीए से हर दो मिनट पर एक व्यक्ति की मौत होती है। जितनी मौतें स्तन कैंसर, फेफड़े का कैंसर या एड्स से नहीं, उससे ज्यादा मौतें एससीए से होती हैं। 60 फीसदी से अधिक लोग अब भी इस बीमारी से अज्ञात हैं।

मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में सहायक निदेशक तथा कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी लैब एंड एरिथेमिया सर्विसेज की प्रमुख वनीता अरोड़ा ने कहा, “कार्डियक अरेस्ट का सबसे बड़ा कारण वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन है और प्रत्येक हार्ट अटैक कार्डियक अरेस्ट नहीं होता।”

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उन्होंने कहा कि एससीए के दौरान दिल धड़कना बंद कर देता है, जिससे शरीर के किसी भी हिस्से तक रक्त नहीं पहुंच पाता, जिसके बाद दिल को तुरंत फिर से काम करने लायक बनाने की जरूरत होती है।

सडेन कार्डियो अरेस्ट तथा इससे बचाव पर पैनल चर्चा के दौरान अरोड़ा ने कहा, “हमारा उद्देश्य लोगों को दोनों (हार्ट अटैक व सडेन कार्डियक अरेस्ट) के बीच अंतर से जागरूक करना है और इसके लिए तत्काल इलाज की जरूरत होती है। यदि देश के अधिकांश लोगों को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटैशन (सीपीआर) से प्रशिक्षित किया जा सके, तो हम हर दिन कई जानें बचा सकते हैं।”

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मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ सुमित सेठी ने कहा कि हार्ट अटैक हृदय की पाइपलाइन को प्रभावित करता है, जो एक रक्त नलिका से रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न करता है, जिसके कारण हृदय के अधिकांश मांसपेशियों की मौत हो जाती है।

सेठी ने कहा, “रक्त प्रवाह को सुचारू करने के लिए दवा, एंजियोप्लास्टी या सर्जरी की आवश्यकता होती है।”

यदि मिनटों के अंदर इलाज हो जाए, तो कार्डियक अरेस्ट से लोगों की जान बच सकती है। ऐसा प्रशिक्षित बचाव दल के द्वारा किया जा सकता है, अगर वे समय रहते मरीज तक पहुंच जाएं। जीवित रहने की संभावना हर गुजरते मिनट सात से 10 फीसदी तक घटती जाती है।

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