अखलाक की जान लेने वाले को तिरंगे में लपेटा, बदला लेने की खाई कसम
लखनऊ| बिसाहड़ा में अखलाक की हत्या के आरोपियों में से एक रवि उर्फ रॉबिन की मौत के बाद गांव वालों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया है| परिजन और गांव वाले प्रदेश सरकार से रॉबिन की मौत पर एक करोड़ का मुआवजा देने की माँग कर रहे हैं|
ये लोग मीडिया पर भी सख्त नाराज़ हैं| इनका कहना है कि रवि की मौत को अखलाक के कत्ल की तरह ही कवर क्यों नहीं किया जा रहा|
मंगलवार को रवि उर्फ रॉबिन की मौत दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में हो गई थी| डॉक्टरों की मानें तो उसकी मौत सांस की तकलीफ और किडनी फेल होने से हुई| लेकिन बिसाहड़ा में सभी यही कह रहे हैं कि रवि की मौत जेल में यातना मिलने की वजह से हुई|
रवि के शव को बिसाहड़ा में लोगों ने तिरंगे में लपेट दिया है| वह उसे शहीद बता रहे हैं| रवि के बलिदान को बेकार नहीं जाने देने की कसमें खाई जा रही हैं|
परिजनों का कहना है कि अखलाक की हत्या के आरोप में रवि जेल में था| वहां जेलर ने रवि से ऊठक बैठक लगवाई और बेरहमी से पीटा| पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या आएगा हमें मालूम है| अख़लाक़ के समय में कई दिनों तक गाँव में डेरा जमाने वाला मीडिया अब कहाँ गया|
गांव वालों का कहना है कि वो अखलाक के भाई जान मोहम्मद की गिरफ्तारी चाहते हैं| क्योंकि उसने धमकी दी थी कि वह सबको मरवा देगा और उसने ये किया भी|
बिसाहड़ा में कट्टर हिन्दूवादी संगठन लगातार भड़काऊ भाषण दे रहे हैं| गुरुवार को साध्वी प्राची ने भी यहां भाषण दिया और मुजफ्फरपुर में मारे गए दो हिन्दू लड़कों की दुहाई दी|
फिलहाल, बिसाहड़ा के लोग यही कह रहे हैं कि जब तक जान मोहम्मद गिरफ्तार नहीं होता और रवि के परिवार को एक करोड़ का मुआवजा नहीं मिलता तब तक वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे|