जानिये, आखिर क्यों स्पेस में शराब नहीं पीते एस्ट्रोनॉट

अंतरिक्ष में शराबन्यूयॉर्क। जैसे एक जेट पायलट को फ्लाइट के दौरान शराब पीने की मनाही होती है, ठीक उसी तरह करोड़ों का स्पेस स्टेशन लेकर अंतरिक्ष में सफर कर रहे एस्ट्रोनॉट पर भी ये नियम लागू होता है। एस्ट्रोनॉट को उड़ान भरने से 12 घंटे पहले तक शराब पीने की अनुमति नहीं होती। आब आप सोच रहे होंगे की आखिर अंतरिक्ष में शराब क्यों नहीं पी सकते? तो बता दें इसके पीछे एक दिलचस्प वजह है।

कोई भी एजेंसी एस्ट्रोनॉट को स्पेस में शराब पीने की अनुमति ही नहीं देती हैं। क्योंकि एक अध्यन में पता चला था कि ऊंचाई पर पी गई शराब से ज्यादा नशा होता है।

लेकिन हाल में हुए एक शोध के मुताबिक इस सवाल का जवाब थिंक-ड्रिंक इफेक्ट से जुड़ा है। क्योंकि कुछ लोगों को अधिक ऊंचाई पर बिना पिए भी हैंगओवर महसूस होता है। इसके मुताबिक अगर लोग सोचेंगे कि वे नशे में हैं तो और ज्यादा नशे वाला बर्ताव करेंगे।

हालांकि किसी भी शोध में कुछ भी बताया जाए कोई भी एजेंसी अपने किसी भी अंतरिक्ष यात्री को माउथवॉश, परफ्यूम या आफ्टरशेव जैसी चीजें नहीं देती जिनमें अल्कोहल हो। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अगर कोई भी एस्ट्रोनॉट नशे में हो गया तो वो पूरे स्पेस स्टेशन को बर्बाद कर सकता है।

क्या सच में ऊंचाई पर शराब पीने से ज्यादा नशा होता है?

इस बात का पता लगाने के लिए कुछ शोधकार्ताओं ने एक रोचक प्रयोग किया। इस प्रयोग में 17 लोगों को जमीन पर वोदका पिलाई गयी। इसके बाद उन्हें कठिन परिस्थितियों में 12500 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक चैंबर में वोदका पिलाई गयी। लेकिन इस प्रयोग में देखा गया कि ऊंचाई से नशे का कोई संबंध नहीं है। यानी ऐसा सोचना कि फ्लाइट में पीने के दौरान ज्यादा नशा होगा, गलत है।

उल्लेखनीय है की 1969 में नील आर्मस्ट्रॉन्ग के साथ लूनार लैंडर मॉड्यूल से बाहर आते हुए ऑल्ड्रिन ने वाइन का घूंट लिया था। जिस बात की पुष्टि अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की एक रिपोर्ट में हुई थी। लेकिन आगे की जानकारी गुप्त होने के कारण किसी को नहीं बतायी गयी थी।

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