अंकुरित अनाज ज्यादातर प्रोटीन और पोषक तत्वों से होते हैं भरपूर
आज कल ज्यादातर लोग स्प्राउट्स यानी अंकुरित अनाज को वर्कआउट करने वालों की डाइट मानते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। इसे बच्चों, बड़ों, महिलाओं और बुजुर्गों सभी को डाइट में शामिल करना चाहिए, खासकर ब्रेकफास्ट में। क्योंकि इसमें सबसे ज्यादा पोषक तत्व और प्रोटीन होता है। दलहन, नट्स, बीज, अनाज और फलियों को अंकुरित करके स्प्राउट्स आहार बनाया जाता है। स्प्राउटिंग या अंकुरण, मिनरल्स को अवशोषित करने और उनकी प्रोटीन को बढ़ाने, विटामिन और पोषक तत्वों को ग्रहण करने में मदद करता है।
किसी भी अनाज या दाल को जब पानी में भिगोकर स्प्राउट बनाया जाता है तो एंटी-न्यूट्रीन्ट जैसे फाइटेट्स आदि खत्म हो जाते है, इन तत्वों के खत्म होने से इन्हें पचाने में आसानी होती है। स्प्राउट में ताकत काफी होती है, इसमें स्टार्च की मात्रा कम होने से शरीर में फैट नहीं बढ़ता है।
स्प्राउट सबसे सस्ता पोषक आहार होता है जिसे आसानी से घर में तैयार किया जा सकता है। पूरे देश में कहीं भी चना, मूंग, राजमा, मटर आदि मिल जाता है जिसे एक रात पहले आप साफ पानी में भिगो दें। दूसरे दिन उसे साफ कर लें और कच्चा या अन्य सब्जियों के साथ या सिर्फ फ्राई करके खा लें। स्प्राउट्स खाने का चलन सैकड़ों साल पुराना है। आज भी डॉक्टर स्वस्थ रहने के लिए अंकुरित दालों के सेवन का विकल्प सबसे पहले बताते है। स्प्राउट में विटामिन ए, बी, सी, ई, के और अन्य अमीनो एसिड भारी मात्रा में होते है।
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बादाम एक प्रकार का सूखा मेवा होता है, इसमें भरपूर गुण छुपे होते है लेकिन अगर आप इसे यूं ही खा ले तो ये कम असरदार और फायदेमंद होता है। बादाम को एक रात पहले पानी में भिगो दें और दूसरे दिन सुबह छिलकर खाएं। इस प्रकार उसमें वसा नहीं रहेगा और शरीर को अधिक से अधिक फायदा होगा। कुछ स्प्राउट जैसे – अल्फला, मूली, ब्रोकली, क्लोवर और सोयाबीन आदि पौधों से मिलने वाले स्प्राउट है जो हमारे शरीर को कई बीमारियों से बचाते है। स्प्राउट में भारी मात्रा में एंटी – ऑक्सीडेंट पोषक तत्व होते है जो शरीर की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में सहायक होते है।
कई अध्ययनों से यह स्पष्ट हुआ है कि स्प्राउट में सब्जियों और फलों के मुकाबले कहीं ज्यादा एन्जाइम होता है। एन्जाइम्स, एक प्रकार का प्रोटीन होता है जो शरीर में विटामिन, मिनरल्स, अमीनो एसिड और जरूरी फैटी एसिड की मात्रा के लिए उत्प्रेरक का काम करता है।
दलहन, नट्स, बीजों और अनाज में वैसे भी प्रोटीन ज्यादा मात्रा में होता है और इनका स्प्राउट बनाने से इनमें प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है और फैट नहीं रहता है। इनके सेवन से शरीर में प्रोटीन की कमी दूर हो जाती है। स्प्राउट के सेवन से शरीर में इम्यून सिस्टम भी मजबूत हो जाता है।
स्प्राउट में फाइबर की काफी मात्रा होती है। इसके सेवन से वजन कम करने में मदद मिलती है और पाचन प्रक्रिया भी अच्छी हो जाती है। फाइबर, शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते है और अतिरिक्त वसा भी कम करते है।
स्प्राउट में विटामिन की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इनमें विटामिन ए, बी – कॉम्पलेक्स, सी और ई होता है। रिसर्च में पाया गया कि स्प्राउट में अनाज के मुकाबले 20 गुना ज्यादा विटामिन होता है।
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अगर आप स्प्राउट घर पर तैयार करते है तो यह बिल्कुल शुद्ध होते है। बाहर से पैक स्प्राउट लेने से बचें, इनमें फूड प्रीजर्ववेटिव्स मिले होते है। इसके अलावा, जब भी स्प्राउट बनाने के लिए दाल या अनाज को भिगोएं तो अच्छी तरह साफ कर लें और उसे धो लें। इस तरह उनमें कीटों से सुरक्षित रखने वाली दवा की असर भी धुल जाएगा।