जानिए स्वास्थ्य से जुड़ी आंखों का फड़कना है क्या अंधविश्वास है या फिर कुछ और….

पलकों का फड़कना या आंखों का फड़कना कभी-कभी शर्मनाक, असुविधाजनक और बेकार की परेशानी का कारण बन सकता है। यदि आपने पहले कभी इसका अनुभव न किया हो तो आपको इससे डर भी लग सकता है। अगर आंख फड़कने का मतलब आपको भी यही लगता है कि यह किसी शुभ या अशुभ बात की निशानी है, तो आप गलत हो सकते हैं। जी हां, आंख फड़कने का कारण आपकी सेहत भी हो सकती है।

जानिए स्वास्थ्य से जुड़ी आंखों का फड़कना है क्या अंधविश्वास है या फिर कुछ और....

मान्यता है कि आंखों का फड़कना किसी होने वाली घटना का संकेत होता है। यदि दांई आंख फड़कती है तो शुभ है अन्यथा अशुभ। लेकिन जान लें, आंख का फड़कना पूरी तरह से शारीरिक कारणों से होता है और इसका शुभ या अशुभ घटनाओं के संकेत से कुछ लेनादेना नहीं है। आइए जानते हैं क्यों पड़कती है आंख।

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आंख या यूं कहें पलक का फड़कना एक आम बात है। जब हमारी आंखों के आस-पास की मांसपेशियां संकुचित होती हैं, तो आंख फड़कती है। इससे केवल शारीरिक परेशानी होती है, लेकिन कोई नुकसान नहीं होता। थोड़ी देर बाद ऐसा होना अपने आप बंद भी हो जाता है।

आंख फड़कना तनाव या थकान का संकेत भी हो सकता है, विशेष रूप से तब जबकि यह आंखों में तनाव (आई स्ट्रेस) जैसी दृष्टि समस्याओं से संबंधित हो। कई बार आंखों में नमी की कमी के कारण भी इस तरह की समस्या होती है।

कई विशेषज्ञों का मानना है कि बहुत ज्यादा कैफीन और शराब का सेवन के कारण भी आंख फड़कती हैं। यदि आप कैफीन (कॉफी, चाय, सोडा, शराब) का सेवन ज्यादा कर रहे हैं तो आपको ये समस्या होने की संभावना बढती है।

आंख फड़कना बंद कैसे करें:

जितना सम्भव हो उतनी जोर से आँखें बंद करें फिर खोलें। इस क्रिया को तब तक जारी रखें जब तक आँसू न निकलने लगे। इस क्रिया को जल्दी-जल्दी करने से -आँख में आँसुओं की एक समतल परत बन जाती है। जिसके कारण आँखों में आर्द्रता आती है, जिससे पलकों को आराम मिलता है।

आँख और चेहरे के मसल्स की वर्जिश करने के लिये अपनी मंझली उंगली से निचली पलक की गोलाई में मसाज करें। जिस आँख में फड़कन हो उसकी पलक का लगभग 30 सेकेण्ड्स तक मसाज करें। इस विधि से अच्छे परिणाम मिलते हैं, क्योंकि इससे रक्त प्रवाह बढ़ता है और साथ ही माँसपेशियों को मजबूती मिलती है।

इस कार्य को पर्याप्त गति से करें। पलकों के झपकने से आँखों की मांशपेशियों को आराम मिलता है। पलकों को बार-बार झपकाने से आंख की सफाई भी हो जाती है और पुतलियों को नमी भी पहुंचती है।

आँखों का व्यायाम करने के लिये आँखों को कुछ देर के लिये बंद कर लें। इस दौरान आपनी आँखों को जोर से मीचें और फिर उन्हें बिना खोले ढीला छोड़ दें। आँखें खोलने से पहले इस क्रिया को तीन बार दुहरायें। आँखों के व्यायाम से न केवल उनका फड़कना रूकता है बल्कि आँख की मांसपेशियों भी मजबूती होती हैं।

आंखों के इर्द गिर्द प्वाइंट्स पर पांच से दस सेकेड्स तक मसाज करें। इस प्रकिया को दो मिनट तक दोहरायें। ऐक्यूप्रेशर की विधि रक्त प्रवाह को बढ़ा कर आँख फड़कने को रोकने में मदद करती है

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ऐसा करते ही आप महसूस करेंगे कि आपकी उपर वाली पलकें लगातार विभिन्न आयामों में काँप रही है। अब कँपकपाँहट को रोकने के अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करें। इससे आँखों के थकान के कारण होने वाले फड़कने की क्रिया को रोकने में सहायता मिल सकती है।

आंखों में गुनगुने पानी के छींटे मारें। आंखों में छींटे मारने की प्रक्रिया को 4-5 बार दोहराये। इससे रक्त वाहिकाओं में संकुचन होगा, जिससे रक्त प्रवाह बढेगा और आंखों का फड़कना रुकेगा। ज्यादा काफी, सोडा या उत्तेजना बढ़ाने वाली दवायें लेने से आँखों का फड़कना बढ़ सकता है। इसलिये इनका सेवन कम से कम करें । यदि आप डाक्टर की सलाह से कोई दवा ले रहे हैं तो उसकी मात्रा में कोई भी परिवर्तन बिना उससे पूछे न करें।

शरीर में पानी की कमी, यानी डी-हाइड्रेशन आँखों में फड़कन पैदा कर सकता है। पीने के पानी की मात्रा को बढ़ायें। प्रतिदिन 8 से 10 गिलास पानी अवश्य पियें जिससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। थकान आँखों को शुष्क बना देती हैं जिसके कारण आँखों का फड़कना शुरू हो जाता हैं। हर रात पूरे 7 से 8 घंटे की नींद लें। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे टीवी, मोबाइल, कम्प्यूटर आदि का प्रयोग कम से कम करें।

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