बच्चों में जन्मजात हो सकता है ह्रदय रोग का खतरा, जानें लक्षण और बचाव
बच्चों में ह्रदय रोग आमतौर पर जन्मजात होते हैं। इन्हें बच्चों में हृदय रोग के रूप में जाना जाता है। यह एक सामान्य शब्द है जिसे जन्म दोष का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जाता है और जो दिल के सामान्य कामकाज को प्रभावित करता है। जन्मजात हृदय रोग शिशुओं और बच्चों में हृदय रोग का सबसे बड़ा कारण है। गर्भ में हृदय और बड़ी रक्त वाहिनियों में विकास के दौरान हुए दोषों से इन विकारों का जन्म होता है। इसके लक्षण व कुछ संकेत इस प्रकार है।
बच्चों में हृदय रोग के लक्षण
जन्मजात हृदय रोग, भ्रूण अवस्था में अपने गठन के दौरान दिल की संरचनात्मक या कार्यात्मकता खराब होने के कारण होता है। जब तक बच्चा गर्भाशय में रहता है या जन्म के तुरंत बाद तक गंभीर हृदय की खराबी के लक्षण साधारणतः पहचान में आ जाते हैं। लेकिन कुछ मामलों में यह तब तक पहचान में नहीं आते जब तक कि बच्चा बड़ा नहीं हो जाता और कभी-कभी तो वयस्क होने तक यह पहचान में नहीं आता। जन्मजात हृदय रोग के लक्षणों की पहचान करने में यहां दिये लक्षण मददगार साबित हो सकते हैं।
नीलापन
हृदय विकारों में अस्वच्छ नीला रक्त, स्वच्छ रक्त में मिलकर पूरे शरीर में प्रवाहित होने लगता है। ऐसी स्थिति में शरीर के अंगों जैसे मुंह, कान, नाखूनों और होठों में नीलपन दिखाई देने लगता है।
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बार-बार फेफड़ों में संक्रमण
दिल के सही तरीके से काम न करने के कारण, जन्मजात हृदय रोगों से पीड़ित बच्चों में फेफड़ों के संक्रमण का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। ऐसे बच्चों को बार-बार फेफड़ों में संक्रमण होता है।
श्वसन संबंधी समस्याएं
ऐसे बच्चों में श्वसन संबंधी समस्याएं बढ़ जाती है। इसमें आमतौर पर सांस लेने में कठिनाई और श्वसन दर में वृद्धि, तेजी से सांस लेना और सांस लेने के दौरान आवाज शामिल होती हैं।
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अत्यधिक थकान
बच्चे एक्सरसाइज या किसी भी शारीरिक गतिविधियों के दौरान आसानी से थक जाते हैं या सांस तेज लेने लगते हैं। और कुछ मामलों में तो बेहोश भी हो जाते हैं।
दूध पीने में परेशानी
जन्मजात हृदय रोग होने पर कुछ बच्चों को स्तनपान या दूध पीने में सक्षम नहीं होते है, जिससे कारण उनका वजन तेजी से गिरने लगता है।
अत्यधिक पसीना
हृदय रोग से पीडि़त बच्चों को दूध पीते समय बहुत अधिक पसीना आता है। और कुछ बच्चों को सांस की तकलीफ का अनुभव भी होता है।
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पैर, पेट या आंखों में सूजन
सूजन एक आम लक्षण है जो बचपन या जीवन के कुछ महीनों के दौरान बच्चों में देखा जाता है। आमतौर पर सूजन में किसी प्रकार का कोई दर्द नहीं होता है।
बच्चों को ह्रदय रोगों से कैसे बचाएं
अगर आपको अपने बच्चे में इस प्रकार के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत किसी अच्छे विशेषज्ञ की सलाह लें। ऐसे मामलों में चिकित्सक पहले लक्षणों को पहचानकर कुछ जाचें कराने के लिए कहते हैं, जिसके बाद पता चल पाता है कि आपके बच्चे को ह्रदय संबंधी रोग है।