हुआ बड़ा खुलासा , एडीएम के बेटे व डॉन मुन्ना बजरंगी के भतीजे समेत पुलिस ने छह बदमाशों को किया गिरफ्तार…

कृष्णानगर पुलिस ने लूटपाट कर दहशत फैलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए छह बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए बदमाशों में एडीएम का बेटा यथार्थ सिंह उर्फ यश ठाकुर और जेल में मारे गए माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी का भतीजा राज सिंह शामिल है।
कलानिधि नैथानी
बतादें की पूछताछ में कई वारदातों का खुलासा हुआ है। पुलिस ने बदमाशों के पास से लूटी गई एक कार, बाइक, दो पिस्टल, एक रिवाल्वर, दो तमंचे, कारतूस, एक चाकू और दो वॉकी-टॉकी समेत छह मोबाइल फोन व चार वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र बरामद किए हैं।
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दरअसल जहां एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि बदमाशों का गिरोह कई माह से राजधानी में लूटपाट की वारदातें कर रहा था।  वहीं इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह  को पता चला था कि गिरोह के सदस्य आरएएस अकादमी तिराहा के पास अलीनगर सुनहरा में किसी वारदात की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने स्वाट और सर्विलांस टीम के साथ घेराबंदी कर बदमाशों को दबोच लिया।

बदमाश हाइवे पर लूटपाट के अलावा हत्या, अपहरण, डकैती व चोरी की वारदातें करते थे। जनवरी 2019 में बदमाशों ने इकाना स्टेडियम के पास विकासनगर निवासी वीरेंद्र कुमार सिंह का पीछा कर रोका और उन्हें चाकू मारकर ब्रीजा कार लूट ली थी।

मार्च में सरोजनीनगर थाना क्षेत्र में थॉर जीप लूटने के अलावा कुछ दिन पहले ठाकुरगंज में प्रॉपर्टी डीलर पप्पू लोधी हत्याकांड को अंजाम दिया था। बदमाशों ने गुडंबा थाना क्षेत्र में भी लूट की कई वारदातें कुबूल की हैं। यह भी पता चला है कि गिरोह ने आजमगढ़, सुल्तानपुर और प्रतापगढ़ में हत्या, अपहरण व लूट की वारदातें की हैं। वहां की पुलिस से संपर्क कर बदमाशों का आपराधिक इतिहास मंगाया गया है।

सुशांत गोल्फ सिटी निवासी व मूलरूप से आजमगढ़ के लालगंज मेहनाजपुर निवासी यथार्थ सिंह, चिनहट के जुग्गौर में रहने वाला रवि रावत उर्फ किशन, इंदिरानगर के सर्वोदयनगर निवासी व मूलरूप से सुल्तानपुर कूड़ेभार के दखिनवारा निवासी राज सिंह, उत्तराखंड के खटीमा स्थित नौगंवा ठग्गु शिव कॉलोनी के सचिन सक्सेना, राजाजीपुरम के आलमनगर अशोक विहार कॉलोनी में रहने वाला अभय वर्मा और चिनहट में बाबा अस्पताल के पास हरदासीखेड़ा निवासी संदीप रावत।

एसएसपी ने पुलिस टीम को 20 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। टीम में इंस्पेक्टर कृष्णानगर प्रदीप कुमार सिंह, स्वाट टीम प्रभारी अंजनी कुमार पांडेय, सर्विलांस प्रभारी सब इंस्पेक्टर ऐनुद्दीन, सब इंस्पेक्टर तेज प्रताप सिंह, हेड कांस्टेबल मनोज श्रीवास्तव, कांस्टेबल कौशलेंद्र कुमार, आनंद मणि सिंह, वीर सिंह, देवेंद्र कुमार, सरताज अहमद, प्रमोद पांडेय, अनीस कुमार, दीपक कुमार यादव, सूरज तिवारी और जितेंद्र कुमार शामिल थे।

इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि गिरोह का सरगना अभय वर्मा है। वह श्रवण साहू की हत्या के आरोपी व जेल में बंद कुख्यात अकील अंसारी का गुर्गा है। बीते दिनों उसने अकील के इशारे पर ठाकुरगंज में पप्पू लोधी को मौत के घाट उतारा था।

अभय के खिलाफ गोसाईंगंज, तालकटोरा, सआदतगंज, कृष्णानगर, ठाकुरगंज और गुडंबा थानों में हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, रंगदारी और गैंगस्टर समेत 20 मामले दर्ज हैं। गिरोह का सदस्य यथार्थ सिंह शाहजहांपुर में तैनात एडीएम नरेंद्र सिंह का बेटा है। यथार्थ की हरकतों के चलते एडीएम व परिवारीजनों ने कई साल पहले उससे नाता तोड़ लिया था।

उसने इंटरमीडिएट तक ही पढ़ाई की है। यथार्थ कई साल से अपराध की दुनिया में सक्रिय है। उसने दो साल पहले पीजीआई थाना क्षेत्र में हत्या की वारदात की थी। उसके खिलाफ पीजीआई में हत्या के अलावा सरोजनीनगर, गोमतीनगर, कृष्णानगर व गोसाईंगंज में डकैती, लूट, चोरी, धोखाधड़ी के आठ मुकदमे हैं जबकि मुन्ना बजरंगी के भतीजे राज सिंह पर गाजीपुर, सआदतगंज, कैंट, गुडंबा, कृष्णानगर, गोसाईंगंज में अपहरण, हत्या का प्रयास, लूट, गैंगस्टर के नौ मुकदमे हैं। गिरोह के अन्य सदस्यों पर भी कई मुकदमे दर्ज हैं।

जहां स्वाट टीम प्रभारी अंजनी कुमार पांडेय ने बताया कि बदमाश घर से स्कूटी से घूमने की बात कहकर निकलते थे और कुछ दूर पर स्कूटी छोड़कर लूटी गई कार में बैठ जाते थे। इसके बाद वह घूमते-फिरते हुए रेकी करते थे। बदमाश इतने दुस्साहसी हैं कि रात चलते कोई मालदार व्यक्ति नजर आ जाता तो उसके साथ लूटपाट की वारदात कर देते थे।

सर्विलांस प्रभारी ऐनुद्दीन ने बताया कि बदमाशों ने लूटी गई ब्रीजा कार के फर्जी कागजात बनवा लिए थे। चेकिंग में कार पकड़ी न जाए, इसके लिए इंजन व चेसिस नंबर को घिस दिया था। बदमाश कार पर फर्जी नंबर डालकर इस्तेमाल कर रहे थे।

हुसैनगंज इलाके से चोरी बाइक समेत चार अन्य लूटे गए वाहनों के भी फर्जी कागजात बनवाए थे। चोरी की बाइक पहचानी न जाए, इसके लिए बदमाशों ने उस पर दूसरा पेंट करा दिया था। उन्होंने गुडंबा में दुकानदार जितेंद्र कुमार से भी लूटपाट की वारदात कुबूल की है।

इस मामले लो लेकर एसएसपी ने बताया कि बदमाश पुलिस से बचने के लिए मोबाइल फोन का बहुत कम इस्तेमाल करते थे। उन्होंने आपस में बातचीत करने के लिए वॉकी-टॉकी ले रखा था।

वारदात के लिए निकलते वक्त सभी अपने मोबाइल फोन बंद कर देते थे और वॉकी-टॉकी इस्तेमाल करने लगते थे। इससे उनकी लोकेशन और मोबाइल नंबर का पता नहीं चल पाता था।

 

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