हुआ बड़ा खुलासा , एडीएम के बेटे व डॉन मुन्ना बजरंगी के भतीजे समेत पुलिस ने छह बदमाशों को किया गिरफ्तार…

दरअसल जहां एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि बदमाशों का गिरोह कई माह से राजधानी में लूटपाट की वारदातें कर रहा था। वहीं इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह को पता चला था कि गिरोह के सदस्य आरएएस अकादमी तिराहा के पास अलीनगर सुनहरा में किसी वारदात की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने स्वाट और सर्विलांस टीम के साथ घेराबंदी कर बदमाशों को दबोच लिया।
बदमाश हाइवे पर लूटपाट के अलावा हत्या, अपहरण, डकैती व चोरी की वारदातें करते थे। जनवरी 2019 में बदमाशों ने इकाना स्टेडियम के पास विकासनगर निवासी वीरेंद्र कुमार सिंह का पीछा कर रोका और उन्हें चाकू मारकर ब्रीजा कार लूट ली थी।
सुशांत गोल्फ सिटी निवासी व मूलरूप से आजमगढ़ के लालगंज मेहनाजपुर निवासी यथार्थ सिंह, चिनहट के जुग्गौर में रहने वाला रवि रावत उर्फ किशन, इंदिरानगर के सर्वोदयनगर निवासी व मूलरूप से सुल्तानपुर कूड़ेभार के दखिनवारा निवासी राज सिंह, उत्तराखंड के खटीमा स्थित नौगंवा ठग्गु शिव कॉलोनी के सचिन सक्सेना, राजाजीपुरम के आलमनगर अशोक विहार कॉलोनी में रहने वाला अभय वर्मा और चिनहट में बाबा अस्पताल के पास हरदासीखेड़ा निवासी संदीप रावत।
एसएसपी ने पुलिस टीम को 20 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। टीम में इंस्पेक्टर कृष्णानगर प्रदीप कुमार सिंह, स्वाट टीम प्रभारी अंजनी कुमार पांडेय, सर्विलांस प्रभारी सब इंस्पेक्टर ऐनुद्दीन, सब इंस्पेक्टर तेज प्रताप सिंह, हेड कांस्टेबल मनोज श्रीवास्तव, कांस्टेबल कौशलेंद्र कुमार, आनंद मणि सिंह, वीर सिंह, देवेंद्र कुमार, सरताज अहमद, प्रमोद पांडेय, अनीस कुमार, दीपक कुमार यादव, सूरज तिवारी और जितेंद्र कुमार शामिल थे।
अभय के खिलाफ गोसाईंगंज, तालकटोरा, सआदतगंज, कृष्णानगर, ठाकुरगंज और गुडंबा थानों में हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, रंगदारी और गैंगस्टर समेत 20 मामले दर्ज हैं। गिरोह का सदस्य यथार्थ सिंह शाहजहांपुर में तैनात एडीएम नरेंद्र सिंह का बेटा है। यथार्थ की हरकतों के चलते एडीएम व परिवारीजनों ने कई साल पहले उससे नाता तोड़ लिया था।
उसने इंटरमीडिएट तक ही पढ़ाई की है। यथार्थ कई साल से अपराध की दुनिया में सक्रिय है। उसने दो साल पहले पीजीआई थाना क्षेत्र में हत्या की वारदात की थी। उसके खिलाफ पीजीआई में हत्या के अलावा सरोजनीनगर, गोमतीनगर, कृष्णानगर व गोसाईंगंज में डकैती, लूट, चोरी, धोखाधड़ी के आठ मुकदमे हैं जबकि मुन्ना बजरंगी के भतीजे राज सिंह पर गाजीपुर, सआदतगंज, कैंट, गुडंबा, कृष्णानगर, गोसाईंगंज में अपहरण, हत्या का प्रयास, लूट, गैंगस्टर के नौ मुकदमे हैं। गिरोह के अन्य सदस्यों पर भी कई मुकदमे दर्ज हैं।
सर्विलांस प्रभारी ऐनुद्दीन ने बताया कि बदमाशों ने लूटी गई ब्रीजा कार के फर्जी कागजात बनवा लिए थे। चेकिंग में कार पकड़ी न जाए, इसके लिए इंजन व चेसिस नंबर को घिस दिया था। बदमाश कार पर फर्जी नंबर डालकर इस्तेमाल कर रहे थे।
हुसैनगंज इलाके से चोरी बाइक समेत चार अन्य लूटे गए वाहनों के भी फर्जी कागजात बनवाए थे। चोरी की बाइक पहचानी न जाए, इसके लिए बदमाशों ने उस पर दूसरा पेंट करा दिया था। उन्होंने गुडंबा में दुकानदार जितेंद्र कुमार से भी लूटपाट की वारदात कुबूल की है।
वारदात के लिए निकलते वक्त सभी अपने मोबाइल फोन बंद कर देते थे और वॉकी-टॉकी इस्तेमाल करने लगते थे। इससे उनकी लोकेशन और मोबाइल नंबर का पता नहीं चल पाता था।