
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को 10 विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने बीते गुरुवार पत्र लिखा। पत्र लिख सांसदों ने स्पीकर से कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर हालात भारत-पाकिस्तान सीमा जैसे हैं वहीं मौजूद किसानों की हालत जेल के कैदियों जैसी है। बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से शिअद, द्रमुक, एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस पार्टी के 15 सासंद उनसे मिलने गए थे। लेकिन किन्ही कारणों के चलते वे किसानों से नहीं मिल सके।

यदि बात करें शिअद की सांसद हरसिमरत कौर बादल की तो उनके अनुसार गाजीपुरबॉर्डर को पार करने की इजाजत नेताओं को नहीं दी जा रही थी। जिसके चलते वे सभी किसानों से मुलाकात नहीं कर सके। न ही सिर्फ हरसिमरत बल्कि राकांपा की सुप्रिया सुले, द्रमुक की कोनिमोई और तिरूची शिवा, तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। वहीं इसे लेकर गाजियाबाद की पुलिस ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने नेताओं को किसानों से मिलने के लिए नहीं रोका।
