
नई दिल्ली। अजान विवाद पर बॉलीवुड के छोटे नवाब सैफ अली खान ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि बतौर अल्पसंख्यक दुनिया में आपको लोगों को अपनी मौजूदगी का एहसास कराना पड़ता है, लोगों को अपनी मौजूदगी की स्वीकार करवानी पड़ती है। एक निजी अखबार के कार्यक्रम में शिरकत करने आए खान ने अपनी बात को बड़ी बेबाकी से सबके सामने रखा।
सैफ अली खान ने कहा कि, वे दोनों पक्षों की स्थिति को समझते हैं। सैफ अली खान ने कार्यक्रम में कहा, ‘एक स्तर पर मैं इस बात से सहमत हूं कि जितनी कम आवाज हो उतना ही अच्छा है, लेकिन मैं ये भी समझता हूं कि अजान के दौरान ध्वनि का विस्तार एक तरह से असुरक्षा की भावना से पैदा होती है।’ सैफ अली खान ने अजान विवाद पर विस्तार से अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा कि सिर्फ यहां ही नहीं दुनिया के हर कोने में तेज आवाज से अजान देना असुरक्षा की भावना से पैदा होती है। इस बारे में उन्होंने इजरायल का भी उदाहरण दिया। सैफ ने कहा कि यहां तीन धर्मों के लोग रहते हैं लेकिन यहां भी अजान लाउडस्पीकर से ही दी जाती है।
सैफ अली खान के मुताबिक एक अल्पसंख्यक होने के नाते आप चाहते हैं कि दूसरे लोग आपकी मौजूदगी का एहसास करें यहीं नहीं वे आपकी उपस्थिति को स्वीकार भी करें। सैफ ने कहा कि अगर इस हालत में कोई भी अजान की आवाज को कम करने को कहता है तो इससे कुछ लोगों का उग्र हो जाना स्वभाविक है।