सुकमा हमले में सबसे गंदे सच का खुलासा, ‘लाल रंग’ ने छीनी शहीदों की मर्दानगी

सुकमा नक्सली हमलेसुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सलियों ने सोमवार को बड़ा हमला किया था। करीब 200 से ज्यादा नक्‍सलियों ने घात लगाकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर हमला किया। सुकमा नक्सली हमले में 25 जवान शहीद हो गए। अब खुलासा हुआ है कि नक्सली हमले में शहीदों के शवों से अमानवीयता भी की गई। बरामद शवों में से करीब 6 शहीदों के गुप्तांग महिला नक्सलियों ने काट दिए हैं।

दरअसल, सीआरपीएफ 74वीं बटालियन के जवान सोमवार गश्त के बाद थक कर खाना खा रहे थे। इसी दौरान 12.55 बजे नक्सलियों ने उन्हें एंबुश में फंसाकर फायरिंग की। 10 राउंड यूबीजीएल (अंडर बैरल गैनेड लॉन्चर्स) भी दागे गए, जिसमें 25 जवान शहीद हो गए और 6 घायल हुए हैं। बैकअप पार्टी 4.45 बजे पहुंची।

इस बीच के पौने दो घंटे में महिला नक्सलियों ने धारदार हथियार से अंग काटने की वारदात को अंजाम दिया। बुरकापाल हमले में शामिल नक्सलियों में लगभग एक तिहाई महिला थीं, इसके चलते इस बात को और बल मिल रहा है।

सुकमा नक्सली हमले से पहले भी दिखा चुके अमानवीय चेहरा

वर्ष 2007 में बीजापुर जिले के रानीबोदली में सीएएफ कैंप पर हमले में 55 जवान व एसपीओ शहीद हुए थे। तब नक्सलियों ने धारदार हथियार से कुछ जवानों के सिर धड़ से अलग कर दिए थे। झीरम-2 नाम से चर्चित टाहकवाड़ा मुठभेड़ में शहीद जवानों के शवों को टंगिए व धारदार हथियारों से गोदा गया था। शहीद जवान के शव में बम लगाने की घटना को भी अंजाम दिया गया था।

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सुकमा नक्सली हमले में घायल 74वीं बटालियन के जवान मनोज कुमार ने बताया कि बुरकापाल कैंप से जवानों की टीम निर्माणाधीन पुलिया की सुरक्षा के लिए निकली थी। इस बीच रास्ते में लाल साड़ी पहने कुछ ग्रामीण महिलाएं तेंदूपत्ता व आम तोड़तीं नजर आई। ये महिलाएं फोर्स की रेकी कर रहीं थीं। महिलाएं गांव की नहीं लग रही थीं, इसलिए सुरक्षा बल को उन पर शक हुआ। इसके बाद जब सभी जवान भोजन करने बैठ गए।

इसी बीच नक्सलियों ने अचानक हमला कर दिया। जवानों ने जवाबी कार्रवाई में हाई एक्सप्लोसिव बम भी दागे। नक्सलियों ने पेड़ों पर चढ़कर जवानों को घेरकर चारों तरफ से गोलियां चलाईं। हमले के बाद मौके से बिना फटे व फटे हुए तीर बम समेत खाली कारतूस के खोखे चारों ओर नजर आए। बताया जाता है कि तीर के अगले हिस्से में नक्सली आईईडी लगा देते हैं। इसके लगते ही विस्फोट हो जाता है। इस प्रकार के तीर बम का नक्सलियों ने पहले भी कई बार इस्तेमाल किया है।

उधर, मंगलवार को रायपुर पहुंचे गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सुकमा नक्सली हमले के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और समीक्षा बैठक के बाद कहा कि सरकार अपनी रणनीति पर विचार करेगी। 8 मई को नक्सल प्रभावित राज्यों की दिल्ली में बैठक बुलाई गई है। जरूरत प़़डी तो रणनीति में बदलाव भी किया जाएगा।

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