सिंधु नदी समझौते पर पड़ी पीएम मोदी की नजरें, लेकिन सामने आई बड़ी मुश्किल
सिंधु नदी समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक शुरू हो चुकी है। इस बैठक में विदेश सचिव एफएस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा समेत कई अफसर शामिल हुए हैं।
इस बैठक में सिंधु नदी जल समझौते पर बारिकियां समझते हुए अगला कदम उठाने की रणनीति बनाई जाएगी। सिंधु नदी समझौते के तहत भारत सिंधु और इसकी पांच सहयोगी नदियों का 80 फीसदी पानी पाकिस्तान तक जाने देता है। सिर्फ 20 फीसदी हिस्सा ही भारत को मिलता है।
उरी हमले के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ भारत ठोस कार्रवाई के मूड में है। इस संदर्भ में यह बैठक भी हुई है।
दूसरी ओर पूर्व विदेश सचिव कनवाल सिब्बल का कहना है कि सिंधु नदी समझौत पर अब पीएम नरेंद्र मोदी आखिरी फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि हम एक जिम्मेदार देश हैं। इस नाते हमें यह संधि नहीं तोड़नी चाहिए।
सिब्बल के मुताबिक सिंधु नदी समझौता एक अंतरराष्ट्रीय संधि है। अगर इसे तोड़ा गया तो व्यापक स्तर पर नुकसान होगा, जिसकी भरपाई मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि भारत यह समझौता इसलिए भी नहीं तोड़ सकता, क्योंकि इसके कानूनी पक्ष भारत के खिलाफ हो सकते हैं। इस मामले में वर्ल्ड बैंक भी दखल दे सकता है।
पाकिस्तान में आतंकियों के पोषण पर कनवाल सिब्बल ने कहा, ‘अगर पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों को बंद नहीं करता है तो हमारे पास कई विकल्प हैं।’