साध्वीे प्रज्ञा को क्लीन चिट देकर कर दिया करकरे का अपमान
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने रविवार को केंद्र सरकार पर यह कहते हुए हमला किया कि 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वीे प्रज्ञा को क्लीन चिट देना पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे का अपमान है। शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि आरोपियों ने अपने अपराध स्वीकार किए थे और उसके बाद उनपर मकोका (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम ) लगाया गया था। जो हुआ है, वह शहीद हेमंत करकरे की स्मृति का अपमान है।
साध्वीे प्रज्ञा को क्लीन चिट
शर्मा ने कहा कि दुर्भाग्यवश करकरे देश को यह बताने के लिए हमारे बीच मौजूद नहीं हैं कि उन्होंने और उनकी टीम ने एक निष्पक्ष जांच की थी। और आरोपियों ने अपने बयान में अपराध स्वीकार किए थे, और वे बयान आरोप-पत्र में मौजूद थे। कांग्रेस नेता का बयान ऐसे समय में आया है, जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मालेगांव मामले में साध्वीे प्रज्ञा और पांच अन्य आरोपियों को क्लीन चिट दे दिए हैं।
महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के प्रमुख करकरे ने मामले की जांच की थी। मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले में करकरे की मौत हो गई थी। शर्मा ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर सरकार ने अचानक यू-टर्न क्यों ले लिया?
उन्होंने लिखा कि यह सरकार अपने से संबंधित संगठनों से जुड़े लोगों को बचाने की पूरी कोशिश कर रही है और कह रही है कि इन लोगों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे थे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि आज भारत की अखंडता और आतंक से लड़ने की इसकी प्रतिबद्धता पर एक प्रश्नचिन्ह लग गया है।