
नई दिल्ली। 2016 में आंतकवाद को जवाब देने के लिए भारतीय थल सेना ने पाकिस्तान में एक सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इस सर्जिकल स्ट्राइक को भारतीय सेना की सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक के रुप मे लोगो के सामने केन्द्र सरकार ने पेश किया। केन्द्र सरकार ने इस सर्जिकल स्ट्राइक के लिए अपनी पीठ खूब थप-थपाई लेकिन आपको बता दे कि ये सर्जिकल स्ट्राइक भारतीय सेना की सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक नही थी।
सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक
भारत की सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के वक्त 2002 में हुई थी। इसे भारतीय सेना और एयरफोर्स ने मिलकर अंजाम दिया था। यह ऑपरेशन गुप्त था इसलिए उसके बारे में किसी को ना तो कभी बताया गया और ना ही उस ऑपरेशन में शामिल किसी भी जवान को सेना या सरकार की तरफ से कोई मेडल ही मिला।
उस ऑपरेशन में फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजीव मिश्रा शामिल थे। वह उस वक्त उनकी उम्र 29 साल थी। ऑपरेशन की तैयारी के दौरान जब उन्हें बुलाया गया था तो जानकारी नहीं दी गई थी कि उन्हें किसलिए बुलाया जा रहा है। उनके साथ मिशन में दो और लोग शामिल थे।
उस वक्त वाजयेपी प्रधानमंत्री थे और जॉर्ड फर्नांडिज रक्षा मंत्री थे। ऑपरेशन 2002 की मई और जून के बीच हुआ। उस वक्त दोनों देशों के बीच कालूचक नरसंहार की वजह से तनाव था। इस सर्जिकल स्ट्राइक को भारतीय थल सेना और वायु सेना साथ में अंजाम देने वाली थी लेकिन बाद में यह जिम्मा सिर्फ वायुसेना को सौंपा गया।
इस हमले में भारतीय वायुसेना ने भंयकर तबाही मचाई और सीमा-पार बस्तियो के रुप में बसे आतंकी शिविरो का सफाया कर दिया। इस हमले में सैकड़ो आतंकी मारे गए और सैकड़ो घायल हुए।