
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव नाराज हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वह सपा को जीतता देखना चाहते हैं। लेकिन उनकी बनाई एक कमेटी ने जो रिपोर्ट दी है, उससे सपा के उम्मीदवार झटका खा सकते हैं। मुलायम सिंह यादव कई घोषित उम्मीदवारों का टिकट काटने जा रहे हैं। इनमें कई उनके करीबी भी हैं। कई जिलों के संगठन पदाधिकारियों के भी बुरे दिन शुरू होने वाले हैं।
सपा के उम्मीदवार और उनकी कार्यप्रणाली की रिपोर्ट आयी सामने
मुलायम सिंह यादव ने अपने मंडल प्रभारियों को इन घोषित उम्मीदवारों की रिपोर्ट गुपचुप तैयार करने को कहा था। इसकी वजह यह थी कि जिन उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है, उनकी जनता के बीच छवि क्या है, वे जिताऊ कैंडिडेट हैं या नहीं, यह समझा जा सके।
मंडल प्रभारियों ने यह रिपोर्ट मुलायम सिंह यादव तक पहुंचा दी है। अब मुलायम कभी भी सख्त हो सकते हैं। पार्टी के पूर्व प्रदेश महासचिव ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस रिपोर्ट में एक तिहाई घोषित उम्मीदवारों के टिकट को काटने का सुझाव दिया गया है। ये ऐसे प्रत्याशी हैं, जिनकी क्षेत्र और पार्टी में स्वीकार्यता और सक्रियता अपेक्षा से कम है। उनके चुनाव जीतने की संभावना कम मानी जा रही है।
प्रभारियों को कई मौजूदा विधायकों के खिलाफ नाराजगी की शिकायतें मिली हैं। इनमें से कुछ पर गुटबंदी में शामिल होना तो कुछ लोगों पर कार्यकर्ताओं की अनदेखी के आरोप हैं। कुछ विधायकों के खिलाफ क्षेत्र में अधिक सक्रिय न रहने और विकास कार्यों पर पर्याप्त ध्यान न देने के आरोप हैं।
सपा ने 2012 में हारी हुई ज्यादातर सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। केवल 11 टिकट घोषित होने बाकी हैं। ऐसे आसार हैं कि घोषित उम्मीदवारों में कई के टिकट कट सकते हैं।
मुलायम ने संभाली कमान
2017 में एक बार फिर यूपी की सत्ता को पाने के लिए खुद मुलायम सिंह यादव ने विधानसभा चुनाव की कमान संभाली है। मुलायम किसी भी ऐसे उम्मीदवार को नहीं चहते जिसकी छवि जनता के बीच खराब हो। यहां तक की मुलायम ने कई बड़े नेताओं को भी हिदायत दी है कि चुनाव से पहले अपने क्षेत्र में ज्यादा ध्यान दें। उनके क्षेत्र के परिणाम ही आने वाली सरकार में उनके महत्व हो कायम रख सकेंगी। इसके साथ ही संगठन के पदाधिकारियों को भी हाईकमान की ओर से कहा गया है कि वे अपने क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने का काम करें।