
लखनऊ। भाजपा विधायक संगीत सोम भड़काऊ वीडियो शेयर करने के मामले में ‘बरी’ हो गए हैं। तीन साल पहले मुजफ्फरनगर दंगों के वक्त एक भड़काऊ वीडियो शेयर किया था। समापन रिपोर्ट में भी यही कहा गया है कि कोई सबूत मिला ही नहीं।
यूपी के सरधना से बीजेपी के विधायक संगीत सोम पर आरोप था कि उन्होंने 2013 में मुजफ्फरनगर दंगों के वक्त एक भड़काऊ वीडियो शेयर किया था। उन पर आरोप था कि उस वीडियो की वजह से सांप्रदायिक माहौल बिगड़ा था जिसकी वजह से करीब 62 लोगों की मौत हुई। इस मामले के लिए स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित की गई थी जिसने अपनी समापन रिपोर्ट में संगीत सोम को क्लीन चिट दी।
मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर धर्मपाल त्यागी ने कहा, ‘समापन रिपोर्ट को एक हफ्ते पहले ही दे दिया गया क्योंकि कैलिफॉर्निया में स्थित फेसबुक के हेड क्वॉटर से हमको पूरी जानकारी नहीं मिली, इस वजह से पूरे सबूत जमा नहीं हो सके। समापन रिपोर्ट में भी यही कहा गया है कि कोई सबूत मिला ही नहीं।’
टीम ने कोर्ट में वह रिपोर्ट जमा कर दी है। यूपी पुलिस का कहना है कि SIT काफी वक्त से फेसबुक से आने वाली जानकारी का इंतजार कर रही थी।
पुलिस का कहना था कि वह वीडियो फर्जी था और दो साल पहले अपलोड हुआ था। कहा गया कि वह भारत का था भी नहीं। शुरुआती जांच में पता लगा कि उस वीडियो को यूट्यूब पर शिवम कुमार नाम के शख्स ने डाला और फैला दिया। आरोप था कि उस वीडियो को ही संगीत सोम ने भी शेयर किया था।
बता दें कि, संगीत सोम पर आरोप था कि एक वीडियो उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट से पोस्ट किया था। जिसमें दो युवकों को पीटा गया। वह वीडियो सचिन और गौरव नाम के दो युवकों की हत्या के बाद पोस्ट किया गया था।
आरोप था कि दोनों को कवाल के रहने वाले शाहनवाज नाम के शख्स के मर्डर के बदले मारा गया था। यह घटना 27 अगस्त 2013 को घटी थी। उसके बाद वीडियो शेयर होना शुरू हुई जिसपर लिखा था, ‘भाई साहब देखो क्या हुआ कवाल में।’